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पुआल से बनाया सजावटी सामान
जहानाबाद : आमतौर पर पुआल का इस्तेमाल लोग मवेशिओं के चारे के रूप में करते हैं या फिर बेकार समझ कर फेंक देते हैं. लेकिन, सुनीता ने धान के पुआल को ऐसा रूप दे दिया कि लोग देख कर अचंभित रह गये. जिले की महिला कृषक सुनीता कुमारी को केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह द्वारा […]
जहानाबाद : आमतौर पर पुआल का इस्तेमाल लोग मवेशिओं के चारे के रूप में करते हैं या फिर बेकार समझ कर फेंक देते हैं. लेकिन, सुनीता ने धान के पुआल को ऐसा रूप दे दिया कि लोग देख कर अचंभित रह गये. जिले की महिला कृषक सुनीता कुमारी को केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह द्वारा उत्कृष्ट कार्यो के लिए कृ षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
सुनीता को यह सम्मान धान के पुआल से उपयोगी सजावटी समान, बाल हैंगिंग एवं कलाकृति बनाने को लेकर दिया गया. सुनीता जिले के टेहटा गांव की रहनेवाली है. उन्हें कृषि विज्ञान केंद्र, गंधार द्वारा केंद्रीय आलू शोध केंद्र, पटना में आयोजित पूर्वाचल क्षेत्रीय कृषि मेला में सम्मानित किया गया. बताते दें कि कृषि विज्ञान केंद्र गंधार के माध्यम से सुनीता का नाम भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नयी दिल्ली के जोनल कार्यालय में उत्कृष्ट किसान के चयन की सूची में भेजा गया था.
केंद्र के समन्वयक ने बताया कि गांव में धान के अवशिष्ट पुआल अत्यधिक मात्र में उपलब्ध होते हैं, जिसको बेकार समझ फें क दिया जाता है. इस तकनीक के द्वारा इससे कई तरह की कलात्मक रूप दिये जा सकते हैं. इस तरह से धान के पुआल की उपयोगिता बढ़ा कर उसका मूल्यवर्धन किया जा सकता है तथा पुआल से बनी कलाकृतियों को बेच ग्रामीण महिलाएं अच्छी आमदनी अजिर्त कर सकती हैं. स्वयं सहायता समूह के माध्यम से भी महिलाएं इस क्षेत्र में आत्म निर्भर बन सकती हैं. मालूम हो कि पुआल से निर्मित कलाकृति का मूल्य उसके आकार के अनुसार होता है.
सुनीता कुमारी को इससे पूर्व भी बिहार कृषि विश्व विद्यालय सबौर एवं कृषि विज्ञान केंद्र गंधार के माध्यम से कई जिलास्तरीय एवं राज्यस्तरीय पुरस्कार मिल चुका है. केंद्र इसकी मार्केटिंग एवं विपणन का दायरा बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है.
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