जहानाबाद (सदर) : शुक्रवार की सुबह करीब नौ बजे जिले के परसबिगहा थाना क्षेत्र के सुजौला निवासी राजेश राम अपनी गर्भवती पत्नी मीणा देवी को लेकर सदर अस्पताल पहुंचा. ग्रामीण इलाके से आनेवाले इस व्यक्ति को यह जानकारी नहीं थी कि इलाज कराने से पहले रजिस्ट्रेशन कराना होता है. ऐसे में वह अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर प्रसव वार्ड के बारे में जानकारी प्राप्त करने लगा. कई मरीजों से पूछने के बाद उसे जानकारी हुई कि प्रसव वार्ड कहां है.
जब वह अपनी पत्नी को लेकर वहां गया, तो कोई चिकित्सक उपलब्ध नहीं था. जो एएनएम उपलब्ध थे, उनके द्वारा उसे ओपीडी में जाने की बात कही गयी. वह अपनी पत्नी को प्रसव वार्ड के बाहर ही बैठा दिया तथा ओपीडी ढूंढने लगा. ओपीडी में जाने पर रजिस्ट्रेशन के लिए लंबी लाइन देखा, तो वह चुपचाप लाइन में खड़ा हो गया. करीब एक घंटे के बाद परची कटी. इसके बाद महिला चिकित्सक से इलाज कराने के लिए वह चिकित्सक कक्ष के बाहर खड़ा हो गया.
काफी देर तक इंतजार के बाद जब भीड़ कुछ कम हुई, तब वह अपनी पत्नी को लेकर महिला चिकित्सक के पास पहुंचा. चिकित्सक द्वारा उसे खून की जांच तथा अल्ट्रासाउंड कराने को कहा गया. इसके बाद वह फिर से गर्भवती पत्नी के साथ सुविधाओं के लिए अस्पताल में भटकने लगा. जब वह अल्ट्रासाउंड केंद्र के पास पहुंचा, तो बताया गया कि पहले दवा काउंटर से अल्ट्रासाउंड व जांच के लिए परची कटवाओ. साथ ही रजिस्ट्रेशन परची की फोटो कॉपी जमा कराओ, तब सुविधाएं मिल पायेंगी. गर्भवती पत्नी अस्पताल परिसर में बैठी दर्द से कराहती रही और पति कभी दवा काउंटर पर तो कभी बाजार में फोटो स्टेट कराने के लिए दौड़ता रहा. अंतिम क्षणों में उसका अल्ट्रासाउंड हुआ. इसके बाद चिकित्सक द्वारा उसकी पत्नी को अस्पताल में एडमिट लिया.