hajipur news. बहनों ने की भाइयों की दीर्घायु व सुख-समृद्धि की कामना
भाई दूज हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, इस बार कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 22 अक्टूबर को 8.16 बजे रात से शुरू हुई और 23 अक्तूबर यानी गुरुवार की रात 10.46 बजे तक रही
हाजीपुर. भाइयों की लंबी आयु के लिए महिलाओं ने श्रद्धा और निष्ठा के साथ भाई दूज का पर्व मनाया. गुरुवार को भाई दूज के अवसर पर हर जगह उत्सवी माहौल रहा. गली-मुहल्लों में महिलाओं के मंगल गीत गूंजते रहे. भाई दूज, जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं, को लेकर महिलाओं में काफी उल्लास दिखा. हर जगह परंपरागत ढंग से इस पर्व को मनाया गया. धर्मशास्त्र के अनुसार भाई दूज का त्योहार हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस बार कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 22 अक्टूबर, बुधवार को 8.16 बजे रात से शुरू हुई और गुरुवार की रात 10.46 बजे तक रही. उदया तिथि के अनुसार गुरुवार को भाई दूज या यम द्वितीया का त्योहार मनाया गया. शहर से लेकर गांवों तक जगह-जगह विधिवत तरीके से पूजा-अर्चना की गयी. महिलाओं ने अपने भाइयों की सलामती और लंबी उम्र की कामना की. नगर के जढुआ, कर्णपुरा, बड़ी युसुफपुर, छोटी युसुफपुर, राजपूत कॉलोनी, बागदुल्हन, अनवरपुर, गांधी आश्रम, दिग्घी, हथसारगंज, तंगौल, अंदरकिला, नारायणी नगर, कौनहारा, बागमली, पोखरा मोहल्ला, शाही कॉलोनी, वीर कुंवर सिंह कॉलोनी, रामभद्र, रामचौरा, लोदीपुर, चकवारा, मीनापुर, चौधरी बाजार, समता कॉलोनी समेत अन्य मुहल्लों में महिलाओं ने पूजन स्थलों पर सामूहिक रूप से यमदूत स्तंभ बनाया. यमदूत के पास पारंपरिक तरीके से गोधन कूटते हुए पूजा से संबंधित गीत गाये. इसके बाद सभी व्रतियों ने अपने-अपने भाइयों को शापित किया. फिर कथा का श्रवण कर अपने कृत्यों पर पश्चाताप करते हुए रेंगनी के कांटों से जीभों को चुभाकर क्षमा याचना की. इसके बाद पूजा-अर्चना करते हुए अपने भाइयों के दीर्घजीवी होने की कामना की. घर पहुंच कर व्रती महिलाओं ने भाइयों को तिलक लगाया और प्रसाद खिलाया.
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