hajipur news. राजकीय पॉलिटेक्निक वैशाली में थ्री डी प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी पर दिया गया प्रशिक्षण

कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को भविष्य की इस महत्वपूर्ण तकनीक से परिचित कराना और उन्हें व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना था, समापन सत्र में राजकीय पॉलिटेक्निक वैशाली के प्राचार्य डॉ अंजनी कुमार मिश्रा ने थ्री डी प्रिंटिंग तकनीक के महत्व पर प्रकाश डाला

By Prabhat Khabar News Desk | February 24, 2025 11:16 PM

पटेढी बेलसर. विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा पर्यावरण विभाग द्वारा राजकीय पॉलिटेक्निक वैशाली में आयोजित थ्री डी प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी, विषय पर हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हो गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को भविष्य की इस महत्वपूर्ण तकनीक से परिचित कराना और उन्हें व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना था. समापन सत्र में राजकीय पॉलिटेक्निक वैशाली के प्राचार्य डॉ अंजनी कुमार मिश्रा ने थ्री डी प्रिंटिंग तकनीक के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि यह तकनीक न केवल उत्पादन प्रक्रिया को तेज और लचीला बना रही है, बल्कि स्वास्थ्य सेवा, आवास, पर्यावरण और अंतरिक्ष अन्वेषण जैसी गंभीर सामाजिक चुनौतियों को हल करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. उन्होंने छात्रों को इस तकनीक को सीखने और भविष्य में इसके उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया.

आईआईटी पटना के विषय विशेषज्ञ अक्षय सक्सेना और स्टार्टअप सेल के अरविंद कुमार ने छात्र-छात्राओं के प्रैक्टिकल अभ्यास और कौशल विकास पर विशेष जोर देने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि थ्री डी प्रिंटिंग एक व्यावहारिक तकनीक है और छात्रों को इसमें दक्षता हासिल करने के लिए अधिक से अधिक अभ्यास करना चाहिए. कार्यक्रम के नोडल पदाधिकारी शाकिब रजा ने बताया कि यह तकनीक सामग्री को परत-दर-परत जोड़कर मॉडल तैयार करती है, जिससे निर्माण सामग्री की न्यूनतम क्षति होती है. प्रशिक्षण कार्यक्रम में एयरोस्पेस, ऑटोमोबाइल और जटिल वैज्ञानिक मॉडलों के निर्माण में थ्री डी प्रिंटिंग तकनीक की उपयोगिता पर भी विस्तृत चर्चा की गयी. छात्रों को बताया गया कि थ्री डी प्रिंटिंग के माध्यम से जटिल और अनुकूलित डिजाइन तैयार किये जा सकते हैं, जो पारंपरिक निर्माण विधियों से संभव नहीं है.

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