खुशखबरी. गंडक पर महासेतु निर्माण के लिए भारत सरकार ने दी सैद्धांतिक स्वीकृति
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सलेमपुर घाट पर बनेगा महासेतु
खुशखबरी. गंडक पर महासेतु निर्माण के लिए भारत सरकार ने दी सैद्धांतिक स्वीकृति गोपालगंज : गंडक नदी का दियारा इलाका. कल तक जंगल पार्टी और अपराधियों के वर्चस्व में दियारे की रेत खून से लाल होती रही है. अब माहौल बदल चुका है. यहां विकास की बातें हो रही हैं. ऐसे में भारत सरकार ने […]
गोपालगंज : गंडक नदी का दियारा इलाका. कल तक जंगल पार्टी और अपराधियों के वर्चस्व में दियारे की रेत खून से लाल होती रही है. अब माहौल बदल चुका है. यहां विकास की बातें हो रही हैं. ऐसे में भारत सरकार ने यहां हाइवे निर्माण तथा गंडक नदी पर महासेतु बनाने की सैद्धांतिक स्वीकृति दी है. इसका टेंडर कर डीपीआर तैयार करने को कहा गया है. हाइवे के निर्माण और पुल के निर्माण में लगभग 1265 करोड़ की राशि खर्च होने की संभावना है.
सिधवलिया प्रखंड की गंडक नदी का सबसे उपेक्षित इलाका सलेमपुर घाट तथा पूर्वी चंपारण के गोविंदगंज के बीच जहां महासेतु बनाया जायेगा, वहीं हाइवे निर्माण से लगभग 130 गांव विकास की मुख्य धारा से जुड़ेंगे. अब तक ये गांव सारण और चंपारण के बीच बंटे हुए थे. इसके अलावा एनएच 28 के बरहिमा मोड़ से सलेमपुर घाट,
गोविंदगंज अरेराज को जोड़ते हुए एनएच 28 ए मोतिहारी को जोड़ेगा, जिससे अरेराज तथा मोतिहारी आना-जाना आसान हो जायेगा. वाहनों के परिचालन शुरू होने से नदी के आसपास के गांव विकास की मुख्य धारा में जुड़ जायेंगे.
बरहिमा से अरेराज को जोड़ेगा महासेतु
किसानों के लिए वरदान होगा महासेतु, ग्रामीणों ने दिया था महाधरना
गंडक नदी पर सलेमपुर घाट में महासेतु बनाये जाने से दियारा के वैसे किसान जो अपनी जमीन पर गन्ने का उत्पादन कर औने-पौने दाम पर बिचौलियों को बेच देते थे या व्यवस्था नहीं होने के कारण अपने खेत में गन्ना नहीं लगाते थे, इन किसानों के लिए यह वरदान साबित होगा. पुल बनते ही किसान सिधवलिया भारत शूगर मिल या गोपालगंज हरखुआ चीनी मिल को आसानी से गन्ना उपलब्ध करा सकेंगे. गन्ने की खेती से यहां समृद्धि तय मानी जा रही है.
सलेमपुर में महासेतु निर्माण के लिए बिहार सरकार की तरफ से एनओसी नहीं मिलने के कारण इलाके के हजारों लोगों ने महाधरना दिया था. इस धरना में संघर्ष समिति का गठन भी किया गया था. इस बीच बिहार सरकार ने भी गंभीरता से लेते हुए यहां निर्माण कार्य के लिए हरी झंडी दी है. विधायक मिथिलेश तिवारी ने बताया कि पिछले कई वर्षों से यह मांग पूरी कराने के लिए प्रयास किया जा रहा था. बिहार सरकार से एनओसी मिलते ही महासेतु और पुल बनाने का रास्ता साफ हो गया है. जून-जुलाई तक राशि का आवंटन भी मिल जायेगा.
यहां लाइफ लाइन है नाव : पुल निर्माण से न सिर्फ चंपारण की दूरी 130 किमी से घट कर 15 किमी हो जायेगी, बल्कि नाव हादसा भी रुकेगा. वैसे बता दें कि प्रतिदिन लोग नाव से इस पार से उस पार आते-जाते हैं. नाव यहां की लाइफ लाइन थी. प्रत्येक वर्ष नाव हादसे में दो-चार लोगों की मौत होती रही है. इस महासेतु के निर्माण से लोगों की लाइफ स्टाइल बदल जायेगी.
48 किमी होगा नया हाइवे
चंपारण में 37 किमी बनेगा हाइवे, जबकि गोपालगंज में बरहिमा से सलेमपुर घाट तक नौ किमी तथा दो किमी लंबा महासेतु बनेगा. इसके लिए बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग ने बैकुंठपुर के विधायक मिथिलेश तिवारी के गैर सरकारी संकल्प के तहत उठाये गये सवाल के जवाब में 31 मार्च को इसकी जानकारी विधानसभा को दी.
पथ निर्माण विभाग ने महासेतु एवं इस सड़क को एनएच बनाने के लिए सहमति दे दी है.
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