छह साल बाद कोर्ट का आया फैसला कोर्ट ने दो-दो हजार रुपये का लगाया अर्थदंड
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चार लोगों को तीन वर्षों का सश्रम कारावास
छह साल बाद कोर्ट का आया फैसला कोर्ट ने दो-दो हजार रुपये का लगाया अर्थदंड गोपालगंज : दलित उत्पीड़न के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश -1 रामप्रसाद के कोर्ट ने चार आरोपितों को तीन वर्षों के सश्रम कारावास एवं दो-दो हजार रुपये के अर्थदंड का फैसला सुनाया है. बता दें कि बरौली थाना […]
गोपालगंज : दलित उत्पीड़न के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश -1 रामप्रसाद के कोर्ट ने चार आरोपितों को तीन वर्षों के सश्रम कारावास एवं दो-दो हजार रुपये के अर्थदंड का फैसला सुनाया है.
बता दें कि बरौली थाना क्षेत्र के रूपनछाप गांव में 26 दिसंबर, 2011 को रामसिंहासन राम अपने दरवाजे पर बैठे थे. इसी बीच वीरेंद्र साह समेत चार लोग पहुंचे और पुराने विवाद को लेकर कुरसी से ढाह दिया. गाली-गलौज करते हुए मारपीट की गयी. जाति सूचक शब्द का उपयोग कर प्रताड़ित किया गया. इस मामले में पीड़ित ने एससी-एसटी थाना हाजीपुर कांड संख्या 603/11 दर्ज किया गया था.
इस मामले में पुलिस ने लंबे समय के बाद चार्जशीट दाखिल किया. कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने के बाद सुनवाई शुरू हो गयी.
कोर्ट ने विशेष लोक अभियोजक गोपीचंद्र यादव तथा बचाव पक्ष के अधिवक्ता रमेश चंद्र श्रीवास्तव की दलीलों के सुनने के बाद कांड को सत्य पाते हुए आरोपित वीरेंद्र साह, सचिदानंद साह, सानमति देवी तथा गजेंद्र साह को दोषी पाते हुए तीन-तीन वर्षों के सश्रम कारावास की सजा सुनायी. कोर्ट के इस फैसले से पीिड़त परिजनों ने राहत महसूस की है. उन्होंने कहा है िक हम लोगांे को न्यायालय पर पूरा भरोसा था.
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