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राहु ने बदली राशि, हुए सिंहस्थ

राजनीतिक अस्थिरता व आतंकवाद का खतरा 18 माह तक संचरण, ज्योतिष के अनुसार विश्व समेत भारत में प्रभाव गोपालगंज : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नौ ग्रहों के मंडल में असुरों के सेनापति के रूप में स्थान प्राप्त राहु बुधवार की रात सिंहस्थ हो गये. वहां आगे 18 महीने तक बने रहेंगे. ज्योतिर्विदों के अनुसार इसका […]

राजनीतिक अस्थिरता व आतंकवाद का खतरा
18 माह तक संचरण, ज्योतिष के अनुसार विश्व समेत भारत में प्रभाव
गोपालगंज : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नौ ग्रहों के मंडल में असुरों के सेनापति के रूप में स्थान प्राप्त राहु बुधवार की रात सिंहस्थ हो गये. वहां आगे 18 महीने तक बने रहेंगे. ज्योतिर्विदों के अनुसार इसका प्रभाव पूरी दुनिया सहित भारत पर विशेष होगा. राहु का संचरण 10 जुलाई, 2014 से कन्या राशि पर चल रहा था.
वहां 18 माह पूरे करने के बाद 27-28 की रात 3.43 पर राशि परिवर्तन हुई. ज्योतिष विशेषज्ञ पं. राजेश्वरी मिश्र तथा भूदेव संस्कृत उच्च विद्यालय के प्राचार्य पं आनंदेश्वरी मिश्र के अनुसार राहु को छाया ग्रह के रूप में जाना जाता है. इसकी शक्ति का अनुमान इससे ही लगाया जा सकता है कि ग्रहराज सूर्य को भी यह स्तंभित कर ग्रहण लगा देता है. यह 12 राशियों में से कन्या राशि पर स्वग्रही तो मिथुन राशि में उच्च का होता है. एक राशि पर इसका संचरण लगभग 18 माह तक रहता है.
इस तरह 12 राशियों का एक चक्र पूरा करने में इसे 21 साल लगते हैं. इसकी चाल हमेशा टेढ़ी या वक्रीय होती है. ज्योतिष में इसे चंडाल माना गया है. इसे आतंकवाद का बड़ा कारण माना जाता है. राहु का प्रभाव जहां भी होता है वहां शुभ या अशुभ दोनों में आकस्मिक घटना दुर्घटना होती है.

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