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हौसले को सलाम : 25 साल से पगडंडी पर चल रहे थे ग्रामीण
ग्रामीणों ने दान में दी अपनी जमीन गोपालगंज : अभी दिन के 10 बजे हैं. किसी के हाथ में कुदाल है, तो किसी के हाथ मेंफावड़ा. भीड़ में शिक्षित अशिक्षित, गरीब, धनी सभी हैं. जेसीबी और ट्रैक्टर ट्रॉली लगी भी है. यहां हर चेहरे पर उत्साह है. मंत्रोच्चर और धूप-अगरबत्ती के बीच शुरू होता है […]
ग्रामीणों ने दान में दी अपनी जमीन
गोपालगंज : अभी दिन के 10 बजे हैं. किसी के हाथ में कुदाल है, तो किसी के हाथ मेंफावड़ा. भीड़ में शिक्षित अशिक्षित, गरीब, धनी सभी हैं. जेसीबी और ट्रैक्टर ट्रॉली लगी भी है. यहां हर चेहरे पर उत्साह है.
मंत्रोच्चर और धूप-अगरबत्ती के बीच शुरू होता है सड़क निर्माण का काम. यह नजारा है कुचायकोट प्रखंड के मौजे सेमरिया गांव का. गुरुवार को श्रमदान से दो किमी लंबी सड़क का निर्माण शुरू हुआ.
काम की शुरुआत इस प्रकार हुई कि मानों कोई बड़ी ठेकेदारी हो रही हो. ट्रैक्टर ट्रॉली और जेसीबी की मदद से ग्रामीण चिलचिलाती धूप में सड़क निर्माण में जुटे हैं. उत्साह के आगे सूर्य की तपिश फीकी पड़ गयी हैं.
आखिर खुशी हो क्यों न हो, यहां ग्रामीण 25 वर्षो से पगडंडी से मुख्य सड़क पर चल रहे थे. अब उन्हें इस समस्या से छुटकारा मिलनेवाला है. सड़क निर्माण के लिए ग्रामीणों ने श्रमदान के अलावा पैसे व अपनी भूमि दान में दी है. दो किमी में बननेवाली इस सड़क के निर्माण पर चार लाख रुपये खर्च आयेंगे.
अब तक जनप्रतिनिधियों ने दिया धोखा
गांव से मुख्य बाजार जाने के लिए सिरिसियां से कोई सड़क नहीं थी. ग्रामीण 25 वर्षो से सड़क बनवाने के लिए जमीन देने को तैयार थे. इसके लिए वे सांसद, विधायक और मुखिया से कई बार गुहार लगा चके थे, लेकिन अब तक सभी ने धोखा दिया. किसी भी जनप्रतिनिधि ने सड़क बनवाने का प्रयास किया ही नहीं. हर कोई से धोखा खाये ग्रामीणों ने बैठक कर स्वयं के खर्च से सड़क बनाने का निर्णय लिया और गुरुवार को काम शुरू कर दिया.
15 दिनों में सड़क बनाने का है लक्ष्य
श्रमदान से बननेवाली सड़क के प्रथम चरण में ग्रामीणों का लक्ष्य मिट्टीकरण का है. इसके लिए चार जेसीबी, 40 ट्रैक्टर ट्रॉली और दो सौ मजदूर कार्य कर रहे हैं. काम की मॉनीटरिंग और काम जल्द पूरा करने के लिए सौ से अधिक ग्रामीण लगे हैं.
10 हजार से अधिक की आबादी होगी लाभान्वित
सिरिसियां से सासामुसा के बीच बन रही सड़क से वृत्ति टोल, महुवा तथा सिरिसियां मौजे की 10 हजार सेअधिक की आबादी जहां सीधे लाभान्वित होगी, वहीं मकसुदपुर सहित आधा दर्जन गांवों के लोगों की दूरी तीन किमी घट जायेगी. सड़क निर्माण शुरू होने से सभी में खुशी है और एक पखवारे बाद जल्द ही यह खुशी ग्रामीणों को मिल जायेगी.
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