गोपालगंज : राइट टू एजुकेशन एक्ट का पालन कितने स्कूल कर रहे हैं. शिक्षा विभाग इसकी जांच करायेगी. गरीब बच्चों को आरटीइ के तहत स्कूलों में नामांकन करना अनिवार्य है. सरकार के एक्ट का उल्लंघन करनेवाले विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. डीइओ ने शुक्रवार को सभी बीइओ को अभियान चला कर स्कूलों की जांच करने का निर्देश दिया है.
साथ ही जांच रिपोर्ट विभाग को सौंपने का निर्देश दिया है, ताकि यह पता चल सके कि जिले में कितने स्कूल आरटीइ एक्ट का पालन नहीं कर रहे. ऐसे स्कूलों को चिह्नित कर उनकी मान्यता खत्म करने की कार्रवाई की जा सके. यह कार्रवाई ‘प्रभात खबर’ में खबर छपने के बाद की गयी है. प्रभात खबर ने 17 अप्रैल को ‘गरीब बच्चों को नहीं मिल रहा है राइट टू एजुकेशन का लाभ’ शीर्षक से समाचार को प्रमुखता से छापा था, जिसमें शिक्षा विभाग के पास राइट टू एजुकेशन के तहत कितने स्कूल एक्ट का पालन कर रहे हैं, इसका आंकड़ा विभाग के पास नहीं होने की बात उठायी गयी थी. डीइओ ने इस मामले को गंभीरता से लिया.
उन्होंने कहा कि विभाग के पास कोई आंकड़ा मौजूद नहीं है, जिससे यह पता चल सके कि कितने बच्चे स्कूलों में राइट टू एजुकेशन का लाभ ले रहे हैं. बता दें कि गरीब बच्चों को जिले के स्कूलों में 25 फीसदी नामांकन करना है. उन्हें मुफ्त में शिक्षा देनी है, लेकिन यहां विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण बच्चों को आरटीइ का लाभ नहीं मिल पा रहा है. अधिकांश स्कूल एक्ट का उल्लंघन कर रहे हैं.