* केंद्रीय विद्यालय की टीम पहुंची गोपालगंज,भीएम इंटर कॉलेज में पढ़ाई पर बनी सहमति
गोपालगंज : केंद्रीय विद्यालय के दिन अब बहुरने वाले हैं. जमीन के अभाव में जैसे–तैसे चल रहे केंद्रीय विद्यालय अब शहर के बीच में स्थित भीएम इंटर कॉलेज के खाली पड़े भवन में चलेगा. डीएम कृष्ण मोहन तथा भाजपा के विधायक सुभाष सिंह की पहल पर केंद्रीय विद्यालय के लिए भीएम इंटर कॉलेज का यह भवन उपलब्ध कराया गया है. भवन की जांच करने के लिए केंद्रीय विद्यालय संगठन, वाराणसी जोन के डीसी डॉ पीबी साई रंगाराव ने गाजीपुर केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य बीएन पांडेय तथा देवरिया के प्राचार्य डॉ रामचंद्र की कमेटी बना कर भवन तथा भूमि की भौतिक जांच कर रिपोर्ट तलब की थी.
डीसी के आदेश पर बुधवार को केंद्रीय विद्यालय की कमेटी गोपालगंज पहुंची, जहां विद्यालय के प्राचार्य डॉ भीएस मिश्र, वरीय शिक्षक केएनएन राव के साथ अपर समाहर्ता जयनारायण झा के नेतृत्व में भीएम इंटर कॉलेज के खाली पड़े भवनों की पड़ताल की.
इस दौरान भीएम इंटर कॉलेज के प्राचार्य योगेंद्र मिश्र, माध्यमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ नेता चंद्रशेखर दूबे, मेराज तृष्णा सहित अन्य शिक्षकों के साथ गहन मंथन के बाद प्राचार्य योगेंद्र मिश्र ने विद्यालय के अस्तित्व को बचाने के लिए खाली भवन को केंद्रीय विद्यालय को सुपुर्द करने पर सहमत हुए. अपर समहर्ता जयनारायण झा ने विधायक सुभाष सिंह से बात कर विद्यालय के पुराने कमरे को रिपेयर कराने, पेटिंग आदि कराने का आग्रह किया.
विधायक ने विद्यालय के लिए पहले से ही तीन शेड के कमरे को तोड़ कर दो मंजिला बनाने तथा भवन की मरम्मत के लिए आश्वस्त कर चुके थे. 15 अगस्त तक केंद्रीय विद्यालय के भीएम कैंपस में शुभारंभ होने की संभावना है. डीएम कृष्ण मोहन ने विद्यालय की केंद्रीय कमेटी को भी लगातार पत्रचार कर इस भवन में स्थानांतरित करने की बात कही थी.
* बंद पड़े क्लास में होगी पढ़ाई
केंद्रीय विद्यालय में भवन के अभाव में वर्ग एक से पांच तक की पढ़ाई स्थगित कर दी गयी थी. इससे बच्चों का नामांकन बंद हो गया था. इस सत्र में वर्ग पांच के नामांकन को बंद किया गया था. थावे ट्रेनिंग स्कूल के जजर्र भवन में विद्यालय अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहा था.
प्रभात खबर ने मुहिम के तहत केंद्रीय विद्यालय के लिए खबरों का सीरीज आरंभ किया, तो खुद डीएम कृष्ण मोहन ने विद्यालय को बचाने के लिए पहल की. इतना ही नहीं, भीएम इंटर कॉलेज के खाली पड़े भवन, जिसमें इन दिनों धोबियों का घाट तथा अवैध लोगों का जमावड़ा लगता था.
इस खाली भवन में केंद्रीय विद्यालय को अस्थायी रूप में संचालित करने के लिए विधायक सुभाष सिंह ने पहल की, जिस पर प्राचार्य योगेंद्र मिश्र ने भी मंजूरी दी है. विद्यालय को भवन प्राप्त हो चुका है. अब बंद पड़े वर्ग को चालू होने की संभावना बढ़ गयी है. डीएम कृष्ण मोहन ने केंद्रीय विद्यालय संगठन को बंद पड़े क्लास को चालू करने की मांग की है.
* अरना में मिली जमीन
केंद्रीय विद्यालय के लिए पिछले एक दशक से जमीन उपलब्ध नहीं हो पा रही थी. जमीन के अभाव में यह विद्यालय बंदी के कगार पर था. भवन और जमीन के अभाव में इसी सत्र में विद्यालय को बंद करने का फैसला केंद्रीय संगठन ले सकता था, जिसे प्रमुखता से प्रभात खबर ने उठाया.
इस पर जिलाधिकारी कृष्ण मोहन ने सरकारी जमीन की खोज शुरू की. हालांकि इससे पहले तत्कालीन डीएम पंकज कुमार ने थावे में चार एकड़ जमीन विद्यालय के लिए उपलब्ध करायी थी. लेकिन केंद्रीय विद्यालय संगठन ने दस एकड़ जमीन की मांग करते हुए डीएम के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था.
डीएम के प्रयास से तथा उचकागांव प्रखंड के अरना के निवासी जदयू नेता चंद्र किशोर सिंह तथा मुखिया सुरेश यादव की पहल पर अरना में विद्यालय के लिए दस एकड़ जमीन उपलब्ध करायी गयी, जहां केंद्रीय विद्यालय का निर्माण होना है. इस भूमि का निरीक्षण करने पहुंचे अपर समाहर्ता जयनारायण झा, केंद्रीय विद्यालय क मेटी के बीएन पांडेय, डॉ रामचंद्र, प्राचार्य भीएस मिश्र ने पहुंच कर जमीन की स्थिति को देखा. सड़क निर्माण के लिए जदयू नेता चंद्रकिशोर सिंह ने सांसद पूर्णमासी राम से बात की है.
* बन सकता है आवासीय विद्यालय
केंद्रीय विद्यालय को अरना में जिस प्रकार की जमीन उपलब्ध है, उसके अनुरूप यहां आवासीय विद्यालय बनने की संभावना प्रबल है. विद्यालय के लिए समतल भूमि मिली है. केंद्रीय विद्यालय संगठन यहां आवासीय विद्यालय बनाने की मंजूरी दे सकता है.
बता दें कि पूरे देश में महज पांच केंद्रीय विद्यालय आवासीय है.
छठा गोपालगंज में बनाया जा सकता है. इसके लिए केंद्रीय विद्यालय के अध्यक्ष यानी जिलाधिकारी को विशेष पहल करने की जरूरत होगी. हालांकि डीएम कृष्ण मोहन के स्तर से किसी प्रकार की कोई कमी इस विद्यालय के लिए नहीं छोड़ी जा रही है. इस जिले के लिए डीएम ने काफी महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लिया है.