9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मधुबनी-द स्टेशन ऑफ कलर्स” नेशनल अवार्ड के लिए चयनित

अजीत द्विवेदी, पंचदेवरी : कला व साहित्य के क्षेत्र में गोपालगंज की शुरू से ही एक अलग पहचान रही है. यहीं का एक बेटा आज बॉलीवुड में धमाल मचा रहा है. जिले के हथुआ प्रखंड के सिंगहा गांव के कमलेश मिश्र द्वारा निर्देशित डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘मधुबनी-द स्टेशन ऑफ कलर्स’ का चयन बेस्ट नैरेशन की श्रेणी […]

अजीत द्विवेदी, पंचदेवरी : कला व साहित्य के क्षेत्र में गोपालगंज की शुरू से ही एक अलग पहचान रही है. यहीं का एक बेटा आज बॉलीवुड में धमाल मचा रहा है. जिले के हथुआ प्रखंड के सिंगहा गांव के कमलेश मिश्र द्वारा निर्देशित डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘मधुबनी-द स्टेशन ऑफ कलर्स’ का चयन बेस्ट नैरेशन की श्रेणी में नेशनल फिल्म अवार्ड के लिए किया गया है. यह पूरी फिल्म मधुबनी रेलवे स्टेशन की साफ-सफाई और सजावट को लेकर बनी है. कमलेश मिश्र इस फिल्म के क्रिएटिव व एक्टिंग डायरेक्टर हैं.

इस फिल्म में मधुबनी रेलवे स्टेशन पर स्थानीय कलाकारों द्वारा की गयी मिथिला पेंटिंग को दिखाया गया है. मधुबनी-द स्टेशन ऑफ कलर्स की सफलता के बाद कमलेश मिश्र ने बॉलीवुड में डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के बेहतर निर्देशक के रूप में अपनी पहचान बना ली है. इन दिनों वे अपनी पहली फीचर फिल्म ‘आजमगढ़’ पर काम कर रहे हैं. यह फिल्म भी काफी चर्चा में है.
इसमें नेशनल फिल्म अवार्ड से सम्मानित गोपालगंज के ही स्टार अभिनेता पंकज त्रिपाठी व अनुज शर्मा मुख्य भूमिका में हैं.
आइएसएस बनने की थी चाहत, पहले बने पत्रकार, फिर फिल्म डायरेक्टर : कमलेश मिश्र ने बचपन में काफी संघर्ष किया. सिर से पिता का साया उठ जाने के बाद बड़े भाई दिनेश मिश्र की देख-रेख में आगे की पढ़ाई हुई. पांचवीं कक्षा तक स्कूली शिक्षा न लेकर उन्होंने अपने हिंदी साहित्य व दर्शनशास्त्र के प्रकांड विद्वान मामा विश्वनाथ पांडेय से शिक्षा ली.
इससे बचपन में ही साहित्य व कला के प्रति ललक जगी. मैट्रिक व इंटर की पढ़ाई हथुआ से ही हुई. राजेंद्र कॉलेज छपरा से स्नातक करने के बाद वे आइएएस की तैयारी करने दिल्ली चले गये. बाद में वे पत्रकारिता व फिल्म लेखन की ओर मुड़ गये. इस दौरान कई टीवी शो का निर्देशन भी किया.
सेव द गर्ल चाइल्ड मूवमेंट के लिए कर रहे काम : कमलेश मिश्र साहित्यकार व समाजसेवक भी हैं. सेव द गर्ल चाइल्ड मूवमेंट के लिए उन्होंने ही सबसे पहले ‘बेटी बचाओ’ का नारा दिया था, जो आज पूरे देश में काफी लोकप्रिय है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे एक सामाजिक आंदोलन का रूप दे दिया है.
कई डाक्यूमेंट्री फिल्मों को लेकर मिला है पुरस्कार
कमलेश मिश्र अपनी कई डाक्यूमेंट्री फिल्मों को लेकर पुरस्कृत हो चुके हैं. 2003 में उनकी पानी पर बनायी गयी डाक्यूमेंट्री ‘रहिमन पानी’ पूरे देश में चर्चित रही. इसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें सम्मानित किया.
2015 में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ पर बनायी गयी फिल्म ‘दिनकर’ की सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की. इनके अलावा कमलेश मिश्र ने कई लघु फिल्मों में लेखन व निर्देशन किया. 2017 में उनकी लघु फिल्म ‘किताब’ ने विदेशों में भी पहचान दिला दी. यह फिल्म अभी तक पूरी दुनिया में 50 से अधिक फिल्म समारोहों में दिखायी जा चुकी है. इस फिल्म को विदेशों में दो दर्जन से अधिक पुरस्कार मिल चुके हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें