2030 तक देश में प्राकृतिक व मानव जनित आपदाओं में कमी लाना लक्ष्य
दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय में आपदा जोखिम को कम करने और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन में युवाओं को शामिल करने पर प्रशिक्षकों के लिए पांच दिवसीय ट्रेनिंग सत्र का रविवार को समापन हो गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े हुए कार्यक्रम पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया.
गया. दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय में आपदा जोखिम को कम करने और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन में युवाओं को शामिल करने पर प्रशिक्षकों के लिए पांच दिवसीय ट्रेनिंग सत्र का रविवार को समापन हो गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े हुए कार्यक्रम पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया. इसमें भारत के विभिन्न भागों से लगभग 50 प्रतिभागियों ने भाग लिया. कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआइडीएम ) और सीयूएसबी के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के संयुक्त तत्वाधान में किया गया. मगध विश्वविद्यालय की ओर से चार कार्यक्रम पदाधिकारियों ने भाग लिया. इसमें गया कॉलेज से कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ राजेश कुमार मिश्रा और डॉ प्रियंका कुमारी ने सहभागिता की. एसएन सिन्हा कॉलेज टिकारी से एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ दीनदयाल गुप्ता और एसबीएएन कॉलेज दरहेटा लारी से डॉ शिव कुमार रविदास ने सहभागिता की. डॉ राजेश कुमार मिश्रा ने इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम से प्राप्त अनुभव को साझा करते हुए बताया कि इसमें आपदाओं से निपटने के लिए आपदा से पूर्व, आपदा के दौरान व आपदा के बाद की जाने वाली तैयारी और बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में प्रशिक्षण दिया गया. साथ ही मॉक ड्रिल करवायी गयी. प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात कार्यक्रम पदाधिकारी अपने-अपने कॉलेज में व विश्वविद्यालय स्तर पर छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे. जो अपने आस पड़ोस व नजदीकी क्षेत्र में जाकर लोगों को आपदा के बारे में जागरूक करेंगे. इससे प्रत्येक वर्ष आपदा से होने वाली जन धन की क्षति को बचाने में सहायता मिलेगी. भारत सरकार का लक्ष्य 2030 तक प्राकृतिक आपदा व मानव जनित आपदा में निरंतर कमी लाना और इसे समाप्त करना है. कार्यक्रम के समापन सत्र की अध्यक्षता दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह के द्वारा किया गया. मौके पर डॉ बुधेंद्र कुमार सिंह व अन्य थे.
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