सीयूएसबी के पीआरआे माेहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय की अप्लाइड साइकाेलॉजी के प्राध्यापक प्राेफेसर जेना ने कार्यशाला के प्रतिभागियाें काे मनाेविज्ञान में गुणात्मक शाेध (अनुसंधान) की उपयाेगिता के बारे में बताया. प्राेफेसर जेना ने ‘फाेकस ग्रुप डिस्कशन’ की विशेषताआें का वर्णन किया. उन्हाेंने कहा कि इनके उपयाेग से मनाेविज्ञान/मनाेचिकित्सका की जटिल समस्याआें का निदान हाे सकता है. उन्हाेंने कहा कि माैजूदा दाैर में समाज मनाेवैज्ञानिक समस्याआें से काफी प्रभावित है. इसके लिए ‘फाेकस ग्रुप डिस्कशन’ एक वरदान की तरह है.
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मनोवैज्ञानिक समस्याओं से प्रभावित है समाज
गया: दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के सेंटर फॉर साइकाेलॉजिकल साइंसेज (सीपीएस) के तत्वावधान में ‘अप्लीकेशन ऑफ क्वालिटेटिव रिसर्च मैथड्स इन साइकाेलॉजी’ विषय पर आयाेजित दाे दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन प्राेफेसर एसपीके जेना ने मनाेविज्ञान/ मनाेचिकित्सा में फाेकस ग्रुप की उपयाेगिता का वर्णन किया. सीयूएसबी के पीआरआे माेहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि दिल्ली […]
गया: दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के सेंटर फॉर साइकाेलॉजिकल साइंसेज (सीपीएस) के तत्वावधान में ‘अप्लीकेशन ऑफ क्वालिटेटिव रिसर्च मैथड्स इन साइकाेलॉजी’ विषय पर आयाेजित दाे दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन प्राेफेसर एसपीके जेना ने मनाेविज्ञान/ मनाेचिकित्सा में फाेकस ग्रुप की उपयाेगिता का वर्णन किया.
व्याख्यान के बाद श्री जेना ने सभागार में माैजूद प्रतिभागियाें काे फाेकस ग्रुप डिस्कशन के आधार पर विभिन्न समूहाें में विभाजित कर ‘बेघर बच्चाें काे शिक्षा’ शीर्षक पर चर्चा करायी. मनाेविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्राेफेसर तेज बहादुर सिंह ने भी प्रतिभागियाें के बीच अपने विचार रखे व उन्हें बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित किया. कार्यशाला में सीयूएसबी के छात्राें के साथ अन्य शिक्षण संस्थानाें के छात्र व शाेधार्थी शामिल हुए. कार्यशाला में विभाग के अन्य सहायक प्राध्यापकाें में डॉ नरसिंह कुमार, डॉ अंबिका दास, डॉ मंगलेश कुमार मंगलम व डॉ चेतना जायसवाल आदि शामिल थे.
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