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ताड़ी से प्रतिबंध हटाये राज्य सरकार : मांझी

गया: पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि राज्य सरकार ने ताड़ी पर प्रतिबंध लगा कर इस पेशे से जुड़े 65 लाख लोगों को बेरोजगार कर दिया है. ताड़ी मानव शरीर के लिए लाभकारी माना गया है. सबसे ज्यादा क्षति मनुष्य को पान, गुटखा, खैनी व तंबाकू से होता है. शराबबंदी की घोषणा सरकार का […]

गया: पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि राज्य सरकार ने ताड़ी पर प्रतिबंध लगा कर इस पेशे से जुड़े 65 लाख लोगों को बेरोजगार कर दिया है. ताड़ी मानव शरीर के लिए लाभकारी माना गया है. सबसे ज्यादा क्षति मनुष्य को पान, गुटखा, खैनी व तंबाकू से होता है. शराबबंदी की घोषणा सरकार का सराहनीय कदम है. इससे समाज में परिवर्तन आयेगा. सरकार को नशाबंदी की घोषणा करनी चाहिए. श्री मांझी मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
नीतीश अपनी ही पार्टी के नेताओं के लिए भस्मासुर : पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने नीतीश कुमार पर प्रहार करते हुए कहा कि वह अपनी ही पार्टी के नेताओं के लिए भस्मासुर साबित हो रहे हैं. उन्होंने पहले दिग्विजय सिंह व जॉर्ज फर्नांडीज को रास्ते से हटाया. इसके बाद उन्हें (श्री मांझी) और अब शरद यादव को पार्टी से किनारे कर दिया. उन्होंने कहा कि अपने को केंद्रीय राजनीति में सामने लाने के लिए नीतीश कुमार ने शरद यादव को रास्ते से हटा दिया.

श्री यादव का कार्यकाल तीन महीने से अधिक बचा था. बावजूद इसके नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के लिए उनसे इस्तीफा ले लिया. पूर्व सीएम ने कहा कि नीतीश कुमार केंद्र पर असहयोग का आरोप लगाते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि केंद्र से सहयोग मिलने के बाद भी वह जनता के बीच भ्रम फैला रहे हैं. नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रहे हैं. इसमें सबसे बड़े बाधक तो लालू प्रसाद व कांग्रेस ही है. श्री मांझी ने कहा कि भाजपा के कारण ही नीतीश कुमार पहली बार मुख्यमंत्री की कुरसी पर बैठे थे. उन्होंने जिस पार्टी के साथ 15 साल बिताये, उसे ही सांप्रदायिक बता रहे हैं. अपनी कुरसी बचाये रखने के लिए वह किसी को भी धोखा दे सकते हैं. श्री मांझी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही पहली बार निजी क्षेत्र में आरक्षण का मुद्दा उठाया था. नीतीश कुमार इस बात को दूसरे ढंग से प्रस्तुत कर क्रेडिट खुद लेना चाहते हैं. उनकी सरकार रोजगार मुहैया कराने में फेल हो रही है. बिहार सरकार में तो बहाली लगभग बंद ही हो गयी है.

सूबे में कानून-व्यवस्था नाम की चीज नहीं : पूर्व सीएम ने कहा कि सूबे में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है. हर रोज हत्या व लूट की घटनाएं हो रही हैं. इसके बाद भी मुख्यमंत्री अमन-चैन की बात कहते फिर रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों को धान का बोनस मिलना तो दूर, धान का पैसा भी नहीं दिया गया है. लक्ष्य के अनुरूप किसानों से धान की खरीद भी नहीं हुई है. श्री मांझी ने कहा कि पिछले दिनाें रालाेसपा, लाेजपा व हम की बैठक में एक साथ आने की किसी तरह की चर्चा नहीं हुई थी. भविष्य में इस तरह की संभावनाएं बनती भी हैं, ताे उनकी पार्टी भाजपा का साथ नहीं छाेड़ेगी.

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