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पहल: जयप्रकाश नारायण अस्पताल में बन रहा डी-एडिक्शन सेंटर, लत छुड़ाने के लिए स्पेशल ट्रीटमेंट
शराब की लत छुड़ाने के लिए जेपीएन अस्पताल में डी-एडिक्शन सेंटर बनाया जा रहा है. इसमें इलाज के लिए स्पेशल ट्रीटमेंट किया जायेगा. सेंटर में काम करनेवाले डॉक्टर, नर्स व फार्मासिस्ट को पटना में स्पेशल ट्रेनिंग दी जायेगी. गया: शराबियों को शराब की लत से पीछा छुड़वाने के लिए जयप्रकाश नारायण (जेपीएन)अस्पताल में डी-एडिक्शन सेंटर […]
शराब की लत छुड़ाने के लिए जेपीएन अस्पताल में डी-एडिक्शन सेंटर बनाया जा रहा है. इसमें इलाज के लिए स्पेशल ट्रीटमेंट किया जायेगा. सेंटर में काम करनेवाले डॉक्टर, नर्स व फार्मासिस्ट को पटना में स्पेशल ट्रेनिंग दी जायेगी.
गया: शराबियों को शराब की लत से पीछा छुड़वाने के लिए जयप्रकाश नारायण (जेपीएन)अस्पताल में डी-एडिक्शन सेंटर तैयार किया जा रहा है. यहां शराब की लत छुड़ाने के लिए डाॅक्टर स्पेशल उपचार करेंगे. पता चला है कि इलाज के लिए डाॅक्टर, नर्स व फार्मासिस्ट को पटना में ट्रेनिंग दी जायेगी. जानकारी के मुताबिक, सेंटर में 10 बेड होंगे. यहां स्पेशल ट्रेंड डाॅक्टर एडिक्ट लोगों का इलाज करेंगे. पूरे सेंटर के इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण बेहतर संवेदनशील तरीके से किया जा रहा है. सेंटर में कहीं भी सिलिंग फैन व आउटसाइड वायरिंग नहीं होंगे. इसके अलावा किसी भी दरवाजे में अंदर से लाॅक की व्यवस्था नहीं होगी. ग्रिल से सेंटर की घेराबंदी होगी. सेंटर में सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे.
अधिकारियों की मानें, तो यह सब इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि शराब की आदत छुड़वाने के दौरान कई बार एडिक्ट लोग आक्रामक या मानसिक तौर पर दबाव में आ जाते हैं. एक अप्रैल से होनेवाली शराबबंदी को ध्यान में रख कर ही यह इंतजाम किया जा रहा है. फिलहाल, यह अभी छोटे स्तर पर है, बाद में इसे बड़े स्तर पर तैयार किया जायेगा.
जिलाधिकारी करेंगे निगरानी : राज्यस्तर पर डाॅक्टर व नर्सों की बहाली की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. ये सभी विशेष तौर पर प्रशिक्षित होंगे. सेंटर की निगरानी पूरी तरह से जिलाधिकारी के पास रहेगी. जिलाधिकारी खुद सेंटर की स्थिति का जायजा लेंगे.
होगी काउंसेलिंग भी : विभिन्न प्रखंडों से भी यहां मरीजों को लाया जायेगा. सेंटर पर इलाज के साथ-साथ काउंसेलिंग भी होगी. ऐसे लोग जो शराब पीते हैं, पर उसके आदि नहीं हैं, उन्हें काउंसेलिंग के माध्यम से उन्हें शराब के नुकसान व उसे छोड़ने से होनेवाले फायदे की जानकारी दी जायेगी.
क्या होंगे, क्या नहीं होंगे
सेंटर में होंगे 10 बेड
कमरे में नहीं होंगे सिलिंग फैन व आउटसाइड वायरिंग
दरवाजे में अंदर से लाॅक की नहीं होगी व्यवस्था
सीसीटीवी कैमरे से होगी पहरेदारी
ग्रिल से सेंटर की होगी घेराबंदी
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