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गया जेल से भागलपुर भेजा गया संतोष झा
गया : हाल में दरभंगा में दो इंजीनियरों की हत्या के बाद सुर्खियों में आये कुख्यात अपराधी संतोष झा को गया जेल से हटा कर भागलपुर भेज दिया गया है. यह जानकारी एसएसपी गरिमा मलिक ने दी. बताया गया है कि काफी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच संतोष झा को गुरुवार को सड़क मार्ग से […]
गया : हाल में दरभंगा में दो इंजीनियरों की हत्या के बाद सुर्खियों में आये कुख्यात अपराधी संतोष झा को गया जेल से हटा कर भागलपुर भेज दिया गया है. यह जानकारी एसएसपी गरिमा मलिक ने दी. बताया गया है कि काफी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच संतोष झा को गुरुवार को सड़क मार्ग से भागलपुर भेजा गया.
इसके साथ ही गया पुलिस व गया सेंट्रल जेल प्रशासन ने राहत की सांस ली है. उल्लेखनीय है कि ऊपरोक्त इंजीनियरों की हत्या के बाद से ही गया जेल के अंडा सेल में कैद कर रखे गये इस अपराधी को लेकर यहां के सुरक्षा अधिकारी भी चिंतित थे. इस बीच यहां भी पुलिस अधिकारियों ने शिवहर जिले के पुरनहिया थाने के दोस्तियां के रहनेवाले कुख्यात संतोष झा से जुड़ीं फाइलों को खंगालना शुरू किया था.
इसी दौरान जांच में पता चला है कि पिछले साल आठ जनवरी की रात गया सेंट्रल जेल में हुई एक छापेमारी के दौरान अंडा सेल (वार्ड संख्या-22/ए) में बंद संतोष झा के पास से एयरटेल का एक मोबाइल सिम कार्ड (मोबाइल नंबर-9546128096) बरामद हुआ था. साथ ही, कागज का एक टुकड़ा भी मिला था, जिस पर रामस्वरूप यादव, गंगटी व मोबाइल नंबर- 9939230025 लिखा था.
छापेमारी तत्कालीन डीएम संजय कुमार अग्रवाल के आदेश पर डीसीएलआर कृत्यानंद रंजन, सिटी डीएसपी आलोक कुमार सिंह, डीएसपी (विधि-व्यवस्था) सतीश कुमार व आठ थानाध्यक्षों द्वारा की गयी थी.
संतोष के वार्ड से मिले सामान को लेकर गया के रामपुर थाने में धारा 414, 188 व जेल अधिनियम-52 के तहत प्राथमिक दर्ज की गयी थी. इस कांड की जांच की जिम्मेवारी सब इंस्पेक्टर सुमंत कुमार को सौंपी गयी थी. इस मामले में तब के सिटी एसपी राकेश कुमार ने 20 मार्च, 2015 को संतोष झा के विरुद्ध कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था. सब इंस्पेक्टर ने संतोष झा के विरुद्ध 31 मार्च, 2015 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. हालांकि, मोबाइल नंबरों की जांच नहीं करायी गयी थी.
जांच में पुलिस ने दिखायी लापरवाही : समझा जाता है कि संतोष झा के विरुद्ध दर्ज कांड की जांच को पुलिस पदाधिकारियों ने काफी हल्के से लिया. जांच अधिकारियों ने यह पता लगाने की कोशिश नहीं की कि गंगटी का रहनेवाला रामस्वरूप यादव कौन है और उसके मोबाइल नंबर-9939230025 पर संतोष झा ने कब-कब बात की. रामस्वरूप यादव से संतोष झा के क्या संबंध हैं.
उसके वार्ड से बरामद सिम कार्ड किस नाम से खरीदा गया था. इस मोबाइल नंबर से संतोष झा ने किन-किन लोगों से बात की. जेल के अंडा सेल में बंद संतोष झा के पास सिम कार्ड कहां से आया. जेल के किस अधिकारी व सिपाही की मदद से उसके पास सिम कार्ड पहुंचाया गया. अगर, उससे मिले सिम कार्ड की जांच होती, तो इसका भी खुलासा हो जाता कि बातचीत करने के लिए संतोष झा द्वारा किन-किन लोगों के फोन का प्रयाेग किया गया. कहीं ये लोग जेल के अधिकारी या कर्मचारी तो नहीं हैं. लेकिन, उपरोक्त बिंदुओं पर जांच ही नहीं की गयी.
बड़ा मामला आया, तो हो रही जांच : पुलिस सूत्र बताते हैं कि दो इंजीनियरों की हत्या की जांच में जुटे दरभंगा एसएसपी अजीत कुमार सत्यार्थी ने गया के अधिकारियों से संतोष झा से संबंधित रेकॉर्ड की मांग की थी. इसके बाद संतोष झा से संबंधित फाइल को जेल अधीक्षक राजीव कुमार झा खंगालने जुट गये थे. यह पता लगाया जा रहा था कि संतोष झा का करीबी रामस्वरुप यादव कौन है. वहीं, पता चला है कि इस बीच दरभंगा पुलिस ने गया जेल में बंद रहे संतोष के वार्ड से मिले मोबाइल नंबर व सिमकार्ड की जांच शुरू कर दी है.
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