गया: हाइपर टेंशन के मरीजों की लगातार बढ़ती समस्या के मद्देनजर हाइपर टेंशन सोसाइटी ऑफ इंडिया का दो दिवसीय अधिवेशन शनिवार को बोधगया में वैज्ञानिक सत्र के साथ शुरू हुआ. मुंबई से कार्डियोलॉजिस्ट डॉ आसित एम भगवती ने ‘युवाओं में हाइपर टेंशन’ विषय पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि आज के युवा बड़ी तेजी से हाइपर टेंशन की चपेट में आ रहे हैं.
अभी विश्व के 26 प्रतिशत युवा इस बीमारी से ग्रसित हैं. 2025 तक इनकी संख्या बढ़ कर 29 प्रतिशत हो जाने की आशंका है. उन्होंने कहा कि मोटापा, धूम्रपान, अलकोहल का सेवन व तनावपूर्ण जीवन शैली इसका मुख्य कारण है. उन्होंने कहा की जीवन शैली में आवश्यक सुधार लाकर इससे बचा जा सकता है.
वैज्ञानिक सत्र को मुंबई के ही डॉ संताष बी सालग्रे, बीआर बंसोडे, एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर के मेडिसिन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ बीबी ठाकुर, वाराणसी के डॉ केके त्रिपाठी, चेन्नई के डॉ अब्राहम ओमान, केरल के डॉ पीके शशिधरण व डॉ आर चांदनी आदि ने कहा कि मामूली हाइपर टेंशन भी लंबे समय तक रहने से शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है. फलत: इससे बचाव के लिए 35 साल से अधिक उम्र के लोगों को साल में कम-से-कम एक बार ब्लड प्रेशर की जांच अवश्य करानी चाहिए, ताकि पता चलते ही उस पर आसानी से नियंत्रण पाया जा सके. औसतन 140/90 मीमी ऑफ मरकरी के नीचे ब्लड प्रेशर होनी चाहिए. इससे ज्यादा होने की स्थिति में समय रहते बचाव के उपाय व आवश्यकतानुसार इलाज शुरू कर देना चाहिए. डॉक्टरों ने कहा कि ब्लड प्रेशर के अलावा अन्य कई रिस्क फैक्टर हैं. इनमें ब्लड केलेस्ट्रॉल, ड्राइग्लिसराइड, मोटापा, डायबीटिज व जीवन पद्धति की अन्य खराब आदतें शामिल हैं.
इनमें सुधार आवश्यक है. डब्लूएचओ के मुताबिक एक वयस्क व्यक्ति को 400 ग्राम अनाज, 400 मिली दूध, 400 ग्राम फल, हरी सब्जी व सलाद, 25 ग्राम से कम तेल-घी व छह से नौ ग्राम नमक का सेवन करना चाहिए. प्रतिदिन 30 से 45 मिनट टहलना भी काफी फायदेमंद है.
अधिवेशन का उद्घाटन मगध विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ नंद जी कुमार ने किया. इसका समापन रविवार को होगा. अधिवेशन में स्थानीय प्रतिनिधियों के अलावा दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, केरल, लुधियाना, इंदौर आदि जगहों से 200 प्रतिनिधि भाग लेने आये. इस मौके पर शहर के ख्यात डॉ एएन रॉय को सत्र 2012-13 के लिए सोसाइटी के अध्यक्ष पद का प्रभार सौंपा गया. इस अवसर पर एक स्मारिका का भी विमोचन किया गया. मौके पर अधिवेशन के आयोजक सचिव डॉ पीके सिन्हा, डॉ वाइके सिंह, डॉ एसके पांडा, डॉ वीवी माथुर आदि मौजूद थे.