* महाबोधि मंदिर के पास स्थित दुकानों के स्थानांतरण का विरोध
* विभिन्न संगठनों का रविवार को धरना
बोधगया : महाबोधि मंदिर सहित अन्य स्थानों पर हुए सीरियल बम–विस्फोट की निंदा करते हुए बोधगया के विभिन्न संगठनों ने इसकी निष्पक्ष जांच करने की मांग की है. शुक्रवार को बोधगया में दुकानदारों ने बैठक की.
इस दौरान वक्ताओं ने कहा, सरकार महाबोधि शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की दुकानों को स्थानांतरित करने का निर्णय वापस ले, वरना बोधगया शांत होने की बजाय अशांत हो जायेगा. बैठक की अध्यक्षता शॉपिंग कॉम्प्लेक्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नंद किशोर प्रसाद मीडियम ने की.
उन्होंने बताया कि प्रशासन दुकानों को यथाशीघ्र खोलने का आदेश जारी करे, नहीं तो रविवार को सभी संगठनों के सदस्य गांधी चौक पर धरना देंगे. इसके बाद भी मांग पूरी नहीं होने पर 18 जुलाई से पूरे बोधगया को अनिश्चितकाल के लिए बंद रखा जायेगा.
एसोसिएशन ने कहा है कि सुरक्षा में कोताही के कारण मंदिर परिसर में बम–विस्फोट हुआ. इसके लिए जिम्मेवार मानते हुए बीटीएमसी के पदेन अध्यक्ष सह जिलाधिकारी बाला मुरुगन डी को बरखास्त किया जाय. बीटीएमसी को भंग कर इसकी निष्पक्ष जांच करायी जाय. एसोसिएशन ने महाबोधि मंदिर के कर्मचारी, पुजारी व कमेटी के सदस्यों के बैंक एकाउंट की भी जांच कराने की मांग की है.
गौरतलब है कि घटना के बाद जिला प्रशासन ने महाबोधि मंदिर की सुरक्षा के सवाल पर लाल पत्थर (महाबोधि शॉपिंग कॉम्प्लेक्स) स्थित दुकानों को स्थानांतरित करने का फरमान जारी किया था. इन दुकानों को जिला प्रशासन ने बंद भी करवा दिया है. गुरुवार को इससे संबंधित जिला प्रशासन व स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ बैठक भी हुई थी.
इधर, शुक्रवार को हुई बैठक में महाबोधि शॉपिंग कॉम्प्लेक्स एसोसिएशन, नागरिक विकास मंच, मुसलिम यूथ फेडरेशन, बिहार मुसहर संघ, बोधगया मेडिकल एसोसिएशन, इसलामिया क्लब, होटल एसोसिएशन, ट्रैवल्स एसोसिएशन, स्टार क्लब, बोधगया व्यावसायिक संघ, बोधगया गाइड एसोसिएशन, बोधगया छायाकार एसोसिएशन, भाजपा, जदयू, राजद, लोजपा व भाकपा के सदस्य शामिल हुए.
– दुकानें बंद रहने से बढ़ रहा नुकसान
* खराब हो रही खाद्य सामग्री
* सूख रही प्रिंटरों की स्याही
* पर्यटकों को हो रही परेशानी
बोधगया : महाबोधि मंदिर के बाहर लाल पत्थर पर महाबोधि शॉपिंग कॉम्प्लेक्स स्थित दुकानों के बंद रहने से एक ओर दुकानदारों को नुकसान हो रहा है, तो दूसरी ओर बोधगया भ्रमण पर आये पर्यटकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दुकानदारों ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा दुकानों को अचानक बंद करा देने से दुकानों में रखे ब्रेड, बिस्किट सहित अन्य खाद्य सामग्री बरबाद हो रहे हैं.
दुकानदारों ने बताया कि दुकानों में रखे मोबाइल रिचार्ज कूपनों की अंतिम तिथि भी समाप्त हो रही है और प्रिंटर के कार्टेज (स्याही) सूख रहे हैं. साइबर कैफे चलाने वाले दुकानदार एक–एक कार्टेज की कीमत दो से तीन हजार रुपये बता रहे हैं. इतना ही नहीं, दुकानों को लगातार बंद रहने के कारण इसमें चूहों का भी आतंक जारी है. वह दुकानों में लगे कंप्यूटर के तार को काट देंगे.
* दुकानदारों की कमाई पर असर
मंदिर के समीप स्थित दुकानों के बंद रहने के कारण दुकानदारों की कमाई पर तो असर पड़ ही रहा है, यहां आने वाले पर्यटकों व तीर्थयात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उक्त कॉम्प्लेक्स में विदेश मुद्रा विनिमय (मनी चेंजर) की कई दुकानें हैं. इन दुकानों के बंद रहने के कारण पर्यटकों को भारतीय रुपये नहीं मिल पा रहे हैं.
साथ ही कॉम्प्लेक्स में ट्रैवल्स एंड टूर की भी कई दुकानें हैं, जहां ट्रेन टिकट, एयर टिकट के साथ ही भ्रमण के लिए छोटे–बड़े वाहन भी उपलब्ध कराये जाते हैं. अब, दुकानों के बंद रहने से पर्यटकों व स्थानीय लोगों को यह सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है.
बोधगया भ्रमण पर आये देशी–विदेशी सैलानियों को बुद्ध की मूर्ति, माला सहित हैंडिक्राफ्ट के सामान भी प्राप्त नहीं हो पा रहा है.