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बौद्ध धर्म मानव को मानव से जोड़ता है : राज्यपाल

बाेधगया : बाैद्ध धर्म दुनिया का ऐसा धर्म है जाे मानव काे मानव से जाेड़ता है. इसमें समानता है. बुद्ध पूर्णिमा पर बाेधगया महाबाेधि मंदिर कैंपस में साेमवार काे आयाेजित बुद्ध जयंती के कार्यक्रम में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने उक्त बातें कहीं. राज्यपाल बाेधगया पहुंचने पर सबसे पहले केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता […]

बाेधगया : बाैद्ध धर्म दुनिया का ऐसा धर्म है जाे मानव काे मानव से जाेड़ता है. इसमें समानता है. बुद्ध पूर्णिमा पर बाेधगया महाबाेधि मंदिर कैंपस में साेमवार काे आयाेजित बुद्ध जयंती के कार्यक्रम में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने उक्त बातें कहीं. राज्यपाल बाेधगया पहुंचने पर सबसे पहले केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले व राज्य के कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार के साथ महाबाेधि मंदिर गये. वहां भगवान बुद्ध के चरणाें में माथा टेका, पूजा-अर्चना की.

इसके बाद उन्हाेंने महाबोधि वृक्ष के नीचे आयोजित समारोह में भाग लिया. महामहिम के साथ अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का उद्घाटन किया.

इस माैके पर राज्यपाल ने बोधगया मंदिर प्रबंंधकारिधी समिति (बीटीएमसी) की वार्षिक पत्रिका प्रज्ञा का भी लोकार्पण किया. इस माैके पर राज्यपाल ने कहा कि, ‘मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे महात्मा बुद्ध की धरती पर पधारने का मौका मिला, जहां महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी’.
उन्होंने कहा कि बाेधगया में ज्ञान प्राप्ति के बाद कई दिनों तक वह ऊहा-पोह की स्थिति में रहे कि यह ज्ञान दूसरों को दिया जाये या नहीं. लेकिन फिर वह यहां से निकल पड़े. सारनाथ में अपने चार पुराने साथियों को ज्ञान प्रदान किया, जिन्होंने दुनिया में ज्ञान की रोशनी फैलायी. उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म में इस बात को प्राथमिकता दी गयी है किसी को भगवान का डर दिखा कर धर्म धारण करने को नहीं कहा जाता, सिर्फ आचरण की शुद्धता की बात की जाती है.
महामहिम ने कहा कि हम बुद्धिस्ट नहीं है लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी खोज प्रजातंत्र है. महात्मा बुद्ध के समय में वैशाली में लिच्छवी गणतंत्र था. अजातशत्रु जब लिच्छवी राज्य पर आक्रमण करना चाहते थे, तो वह महात्मा बुद्ध से आशीर्वाद प्राप्त करने गये. महात्मा बुद्ध ने उनसे सात सवाल किये थे. इनमें कुछ सवाल इस प्रकार थे कि-क्या वहां के लोग पंचायती बुलाते हैं? पंचायतों में बुजुर्गों को बुलाते हैं? बुजुर्गों को सम्मान देते हैं? उत्तर मिला हां. इसके बाद महात्मा बुद्ध ने अजातशत्रु से कहा कि जिस राज्य में लोकतांत्रिक व्यवस्था हो,
उस राज्य को लड़ाई से नहीं हराया जा सकता है. महात्मा बुद्ध के सिद्धांत बुद्धिज्म की बड़ी ताकत हैं. यहां एक ही धर्म ऐसा है जहां आप नहीं कहते हैं कि मैं यह चढ़ा दूंगा तो तुम वह दे देना. इस धर्म में निर्वाण मरने के बाद नहीं बल्कि इसी लोक में ही प्राप्त होता है.
अपनी राेशनी खुद बनाे
राज्यपाल ने कहा कि बौद्ध धर्म में भगवान का डर नहीं, कोई लालच नहीं है. जब महात्मा बुद्ध मरणासन्न हो गये थे तो उनके प्रिय शिष्य आनंद चाहते थे कि वह कुछ दिन और जीवित रहें. तब बुद्ध ने आनंद से पूछा कि क्या मेरे अंदर जो ज्ञान है वह सब तुमने प्राप्त कर लिया, तो आनंद ने कहा कि हां. तब बुद्ध ने कहा आत्म दीपो भवः अर्थात अपनी रोशनी खुद बनो. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में इतना बड़ा व्यक्तित्व कोई नहीं है. आपकी सबसे बड़ी ताकत है कि आप सही रास्ते पर हैं. उन्होंने कहा ‘बुद्धम शरणम गच्छामि’ धम्मं शरणम गच्छामि, संघम शरणम गच्छामि.
बुद्ध की विचारधारा मानवता की विचारधारा है
इसके पहले सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले ने अपने संबोधन में कहा कि महात्मा बुद्ध की विचारधारा मानवता की विचारधारा है. मानव को मानव से जोड़ने वाली विचारधारा है. मानव के अंदर छिपे अहंकार को निकालने वाली विचारधारा है. विश्व को शांति प्रदान करने वाली विचारधारा है. बुद्ध ने विज्ञान पर आधारित विचारधारा दुनिया को प्रदान की और यही कारण है कि आज श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, जापान, चीन आदि देशों ने बौद्ध धर्म को अपनाया है. उन्होंने बाबा साहेब भीमराव अांबेडकर के संबंध में कहा कि वह बौद्ध धर्मावलंबी थे और उन्होंने कहा था कि बिना शांति के विकास नहीं हो सकता है और बुद्ध ने शांति का ही संदेश दिया. मानव के साथ मानव के जैसा व्यवहार हो यही बुद्ध की विचारधारा है और हम चाहते हैं दुनिया इसी विचारधारा को अपनाये.
बुद्ध के मार्ग पर चलकर सुंदर दुनिया का कर सकते हैं निर्माण
इससे पहले कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि महाबोधि मंदिर में भारत के कोने-कोने से बौद्ध धर्मावलंबी आये हैं. बिहार सरकार की ओर से उन्होंने सभी का स्वागत किया. महात्मा बुद्ध ने करुणा, मैत्री, अहिंसा, विश्व बंधुत्व का संदेश दिया है. दुख से मुक्ति के लिए अष्टांगिक सिद्धांत प्रतिपादित किया है. यह सभी के लिए अनुकरणीय है. इस धर्म का प्रचार सभी देशों में हो रहा है. बुद्ध के मार्ग पर चलकर ही हम सुंदर भारत, सुंदर दुनिया का निर्माण कर सकते हैं. उन्होंने कहा अतिथि देवो भवः..
स्वागत भाषण में डीएम अभिषेक सिंह ने कहा कि आज भी महात्मा बुद्ध की शिक्षा प्रासंगिक है. उन्होंने प्यार, करुणा, अहिंसा, सहिष्णुता व मानवता का संदेश दिया, जो आज के परिवेश में और भी प्रासंगिक हो गया है. उन्होंने कहा बुद्ध का संदेश निकलकर संपूर्ण विश्व में पहुंचेगा. उन्हाेंने कहा कि भगवान बुद्ध की शिक्षा हमारे जीवन को और बेहतर कर सकेगी.
80 फुट बुद्ध मूर्ति से निकाला गया शांति मार्च
इस अवसर पर मगध प्रमंडल के आयुक्त जितेंद्र श्रीवास्तव ने राज्यपाल को स्मृति चिह्न प्रदान कर उनका हार्दिक अभिनंदन किया. इस माैके पर डीआइजी विनय कुमार, डीएम अभिषेक सिंह, महाबोधि मंदिर के मुख्य पुजारी भंते चलिंदा, वरीय पुलिस अधीक्षक गरिमा मलिक, अपर समाहर्ता राजकुमार सिन्हा, बीटीएमसी के सचिव एन दोरजे सहित तमाम पदाधिकारी उपस्थित थे. अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा गया पर महामहिम को आयुक्त व डीएम ने पुष्प गुच्छ प्रदान कर अगवानी की. इस अवसर पर पुलिस लाइन के जवानों द्वारा महामहिम को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
प्रातः डीएम की अध्यक्षता में 80 फुट बुद्ध की प्रतिमा से महाबोधि मंदिर तक शांति मार्च निकाला गया. इस मार्च में विभिन्न बाैद्ध देशाें व बाैद्ध मठाें के बाैद्ध श्रद्धालु, बीटीएमसी के सचिव एन दोरजे, मुख्य पुजारी भंते चलिंदा सहित अन्य लाेग शरीक थे. बुद्धम शरणं गच्छामि, धम्मं शरणम गच्छामि, संघम शरणम गच्छामि की ध्वनि उच्चारित हाेती रही.

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