गया : छात्रसंघ चुनाव में नामांकन करने के अंतिम दिन शुक्रवार को गया कॉलेज में विभिन्न छात्र संगठनों का हुजूम देखा गया. गया कॉलेज के प्रशासनिक भवन में नामांकन परचा दाखिल करने भीड़ रही.
आज अध्यक्ष पद के लिए आठ, उपाध्यक्ष पद के लिए आठ, संयुक्त सचिव पद के लिए छह, सचिव के लिए सात, काउंसिल सदस्य के लिए 69 व कोषाध्यक्ष पद के लिए सात उम्मीदवारों ने नामांकन भरा. गया कॉलेज के प्राचार्य डॉ देवेंद्र कुमार सिन्हा ने यहां अलग-अलग काउंटर की व्यवस्था की थी. चुनाव पदाधिकारी डॉ अवध तिवारी ने उम्मीदवारों के दस्तावेजों की जांच की. इस मौके पर मीडिया प्रभारी अंजनी सिंह, महाविद्यालय के चुनाव सदस्य एसआर रस्तोगी, डॉ आर केपी यादव, डॉ जावेद अशरफ, अरविंद कुमार सुनील, डॉ किशोर कुमार, इलियास, कमलेश शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी मौजूद थे.
काउंसिल मेंबर के लिए सूरजभान ने किया नामांकन : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गया कॉलेज,गया छात्रसंघ के सभी पद पर शुक्रवार को नामांकन किया गया. इसमें सूरजभान काउंसिल मेंबर के पद पर नामांकन किया. सूरजभान ने बताया कि अगर मैं चुनाव में आप सभी के सहयोग से जीतता हूं, तो पहला काम कॉलेज की अनुशासन नियंत्रण पर होगा.
रूट मैप लगवाऊंगा जिससे हमारे छात्रों को किसी भी कॉलेज कैंपस में स्थान खोजने में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े और भी बहुत ऐसी योजना है जो छात्रों के हित के लिए प्रभावी किया जायेगा.
अध्यक्ष पद पर अरुण व विक्रांत ने किये नामांकन : शेरघाटी. कॉलेज स्तरीय छात्रसंघ के चुनाव के लिए शुक्रवार को एसएमएसजी कॉलेज शेरघाटी में जन अधिकार परिषद के अरुण चौधरी ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया. इस मौके पर समर्थक छात्र राकेश कुमार, धर्मेंद्र दास, सतीश कुमार व जन अधिकार पार्टी के संतोष लाल यादव उपस्थित रहे.
इधर, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से विभिन्न पदों के लिए नामांकन किये गये हैं जिसमें अध्यक्ष पद के लिए विक्रांत सहनी, उपाध्यक्ष के लिए दीपक कुमार, सचिव के लिए आभा रानी, संयुक्त सचिव पद के लिए अखिलेश कुमार, कोषाध्यक्ष के लिए संजीव कुमार और काउंसिल सदस्य के रूप में निधि कुमारी सिन्हा, रुचि सिन्हा व रंजन कुमार ने नामांकन का पर्चा दाखिल किया है.
धर्म व हिंसा एक साथ नहीं चल सकते : अनिल
मगध विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ दो दिवसीय सेमिनार
सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर अनिल सिन्हा व आचार्य सच्चिदानंद भारती ने रखे विचार
बोधगया : मगध विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय स्थित सभागार में शुक्रवार को ‘सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता पर अंतरधार्मिक विमर्श ‘ विषय पर दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि सीबीआइ के पूर्व डायरेक्टर अनिल सिन्हा ने हर स्थिति में शांति व सद्भावना की स्थापना पर जोर दिया. कहा कि धर्म और हिंसा एक साथ नहीं चल सकते.
उन्होंने हर प्रकार के हिंसात्मक कदमों को गैर जरूरी बताया व कहा कि ऐसे कार्य वैसे तत्व करते हैं, जो अपने हितों की पूर्ति के लिए इंसानियत व धर्म दोनों को ताक पर रख देते हैं.
श्री सिन्हा ने अपने कार्यकाल के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि कोई भी समुदाय खुद निर्णय लेने में सक्षम होता है कि किसी तरह का सांप्रदायिक तनाव हो या नहीं. उन्होंने कहा कि आतंकी संगठन आइएस किसी धर्म के लिए लोगों का कत्ल नहीं कर रहे बल्कि वह कुछ संगठित लोगों का कृत्य है. उन्होंने राष्ट्र को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि अपने बच्चों को आज से ही इस बात की सीख देनी शुरू कर देनी चाहिए.
धर्मों का उद्देश्य विश्व शांति व एकता की स्थापना करना : सेमिनार में मुख्य वक्ता आचार्य सच्चिदानंद भारती ने विभिन्न धर्मों के मूल तत्व को एक ही बताया व कहा कि अंतिम सत्य यही है कि सभी धर्मों का उद्देश्य विश्व शांति व एकता की स्थापना करना है. उन्होंने पीस एंड वैल्यू एजुकेशन मॉड्यूल्स के माध्यम से शांति, एकता व सद्भावना की स्थापना पर बल दिया. आचार्य भारती ने कहा कि शांति खुशहाली की कुंजी है.
सद्भावना व विश्वास के साथ कदम बढ़ाने की आवश्यकता : उद्घाटन भाषण करते हुए कुलपति प्रो कमर अहसन ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में उन्नति के लिए शांति, नैतिक मूल्यों, सद्भावना व विश्वास के साथ कदम बढ़ाने की आवश्यकता है, जिसकी कमी हर पल महसूस की जा रही है.
वीसी ने कहा कि इस तरह के आयोजन गिरते मूल्यों को रोकने व आगे सतत विकास के मार्ग को अग्रसर होने की प्रेरणा प्रदान करती है. इस अवसर पर एमयू के प्रति कुलपति प्रो केएन पासवान ने इस सम्मेलन के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला व विश्वास व्यक्त किया कि यह विचार-विमर्श नैतिकता, समानता और भाईचारे के साथ रहने के लिए प्रेरित करेगा. सेमिनार में एमयू के कुलसचिव डॉ शैलेश कुमार ने सद्भावना व एकता के लिए धर्म की महत्ता पर प्रकाश डाला.
सेमिनार के संयोजक डॉ रामायण प्रसाद ने अतिथियों का स्वागत करते हुए उम्मीद जताया कि दो दिवसीय सम्मेलन में हम निश्चित रूप से ऐसे मुकाम पर पहुंचेंगे जो एमयू व संपूर्ण क्षेत्र के लिए शांति व सद्भावना का पैगाम होगा.
दूरस्थ शिक्षा निदेशालय व भारत सरकार के प्रतिष्ठान ‘ नेशनल फाउंडेशन फॉर कम्यूनल हॉरमोनी ‘(एनएफसीएच) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया व इसमें मंच का संचालन एमयू के नोडल पदाधिकारी सह आयोजन के समन्वयक डॉ शैलेंद्र कुमार सिंह ने किया.
सेमिनार शुरू होने से पहले सनातन धर्म से लक्ष्मणाचार्य , जैन धर्म से प्रदीप जैन, बौद्ध धर्म से तेनजिन लामा, सिख धर्म से सरदार करनैल सिंह व इस्लाम से यूसुफ रिजवी ने विश्व शांति व सद्भाव की प्रार्थना की. सम्मेलन का आगाज डॉ खुशबू , डॉ रश्मि व गया कॉलेज की कला भारती टीम द्वारा मगध विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ हुआ. अतिथियों को खादा, मेमेंटो व ग्रीन प्लांट भेंट कर सम्मानित किया गया. सेमिनार में एमयू के शिक्षक, कर्मचारी व स्टूडेंट्स शामिल हुए.