मिलेगा न्याय. सात मई 2016 को पुलिस लाइन रोड पर हुई थी वारदात
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आदित्य सचदेवा हत्याकांड में 31 को आयेगा फैसला
मिलेगा न्याय. सात मई 2016 को पुलिस लाइन रोड पर हुई थी वारदात गया : चर्चित आदित्य सचदेवा हत्याकांड में सुनवाई प्रक्रिया शुक्रवार को पूरी हो गयी है. 31 अगस्त को इस मामले में फैसला आ सकता है. अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रथम सच्चिदानंद सिंह की अदालत में कानूनी बिंदु पर बहस की प्रक्रिया […]
गया : चर्चित आदित्य सचदेवा हत्याकांड में सुनवाई प्रक्रिया शुक्रवार को पूरी हो गयी है. 31 अगस्त को इस मामले में फैसला आ सकता है. अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रथम सच्चिदानंद सिंह की अदालत में कानूनी बिंदु पर बहस की प्रक्रिया पूरी हो गयी. अभियोजन पक्ष व बचाव की ओर से रूलिंग व साइटेशन दिया गया है. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसले की तारीख 31 अगस्त को तय की है. बीते साल सात मई को पुलिस लाइन रोड में आदित्य की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी.
इस मामले में एमएलसी मनोरमा देवी के बेटे राॅकी यादव उर्फ राकेश रंजन, राॅकी के चचेरे भाई टेनी यादव व अंगरक्षक राजेश कुमार को मुख्य आरोपित बनाया गया था. वहीं जांच के दौरान घटना से जुड़े साक्ष्यों को छुपाने के आरोप में राॅकी के पिता बिंदेश्वरी प्रसाद यादव उर्फ बिंदी यादव को भी आरोपित बनाया गया था. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर लगभग 32 लोगों की गवाही हो चुकी है. बचाव पक्ष की ओर से किसी ने गवाही नहीं दी है. इस मामले में अभी तक 50 से अधिक सुनवाई भी हो चुकी है. राॅकी यादव को छोड़ कर सभी आरोपित जमानत पर हैं, राॅकी फिलहाल गया सेंट्रल जेल में बंद है.
विधान पार्षद मनोरमा देवी का बेटा राॅकी यादव, पति बिंदेश्वरी प्रसाद यादव, टेनी यादव व राजेश कुमार आदि हैं आरोपित
साइड नहीं देने पर बिगड़ी थी बात
स्वराजपुरी रोड का रहने वाला आदित्य सचदेवा सात मई 2016 को अपने चार दोस्तों अंकित, आयुष, कैफी व नासिर के साथ कार से बोधगया गया था. देर शाम लौटने के क्रम में एक लैंडरोवर गाड़ी उनकी गाड़ी के पीछे थी. लैंडरोवर का चालक लगातार साइड मांग रहा था. इसी क्रम में आदित्य की कार पुलिस लाइन रोड की ओर मुड़ी. पीछा से आ रहा लैंडरोवर कार का चालक भी उसी तरफ प्रवेश कर गयी. लैंडरोवर में सवार लोगों ने आदित्य की कार को रूकवा दिया व उसके दोस्तों के साथ मारपीट शुरू दी. आदित्य समेत उसके दोस्त डर गये और गाड़ी भगाने का प्रयास किया. इस क्रम में पीछे से गोली चली,
जो कार के पिछले शीशे को छेदते आदित्य के सिर में लगी. उसे दोस्तों ने मगध मेडिकल काॅलेज व अस्पताल में भरती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. इस मामले में मृत आदित्य के भाई आकाश सचदेवा ने कार में सवार भाई के दोस्तों के बयान पर राॅकी यादव, टेनी यादव व राजेश यादव के खिलाफ रामपुर थाने में एफआइआर दर्ज करायी. इसमें उसने बताया कि राॅकी यादव ने साइड नहीं मिलने पर आदित्य व उसके दोस्तों के साथ मारपीट की और गोली चलायी.
चश्मदीद गवाह हो गये हैं होस्टाइल
आदित्य की हत्या मामले में चश्मदीद गवाह उसके चार दोस्त आयुष, अंकित, कैफी व नासिर होस्टाइल हो गये हैं. इन लोगों ने अदालत में सुनवाई के दौरान किसी भी आरोपित को पहचानने से इनकार कर दिया था, जबकि सुनवाई शुरू से पहले न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी आरआर सिंह की अदालत में दिये गये धारा 164 के तहत बयान में इन लोगों ने आदित्य की हत्या में राॅकी यादव का नाम लिया था. बाद में अनुसंधान के दौरान इस मामले में टेनी यादव व राजेश कुमार के भी नाम सामने आ गये. सुनवाई शुरू हो जाने के बाद अपर जिला व सत्र न्यायाधीश नवम सुरेश प्रसाद मिश्र की अदालत में गवाही के दौरान यह लोग होस्टाइल हो गये.
एफएसएल की रिपोर्ट है राॅकी के खिलाफ
हालांकि इस मामले में एफएसएल की रिपोर्ट पूरी तरह से राॅकी के खिलाफ है. अदालत में पेश रिपोर्ट के मुताबिक आदित्य को लगी गोली राॅकी यादव के नाम पर रजिस्टर्ड पिस्टल (ब्रेटा) से ही चली थी. चारों चश्मदीद गवाहों के होस्टाइल हो जाने के बाद अभियोजन पक्ष की पूरी उम्मीद एफएसएल व अन्य तकनीकी रिपोर्ट पर ही है. इस मामले में सरकारी स्तर पर जो भी गवाही हुई है, वह राॅकी यादव व अन्य के खिलाफ है.
हाइकोर्ट से मिली थी जमानत
इस मामले में जिला न्यायालय से जमानत याचिका खारिज होने के बाद सभी आरोपितों ने पटना हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिला न्यायालय में राॅकी यादव की जमानत याचिका 26.7.16, बिंदी यादव की याचिका 24.5.16, टेनी यादव की याचिका 27.5.16 व राजेश कुमार याचिका 30.5.16 को खारिज कर दी गयी थी. इसके बाद इन लोगों ने हाइकोर्ट में अपील की. यहां बिंदी यादव को 6.9.16, टेनी यादव को 6.10.16 व राॅकी यादव को 21.10.16 को जमानत मिली थी.इसके बाद सरकार ने मुख्य आरोपित रॉकी यादव को मिली जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. सरकार की याचिका को मंजूर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राॅकी यादव की जमानत खारिज कर दी. इसके बाद 29.10.16 को राॅकी यादव ने गया कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया, तब से वह जेल में है.
मजबूती से रखा है पक्ष, सकारात्मक उम्मीद : लोक अभियोजक
इस मामले में कई गवाह होस्टाइल हो गये हैं. इसके बावजूद हमने अपना पक्ष को बेहद मजबूती से रखा है. एफएलएल व अन्य तकनीकी रिपोर्ट बेहद सटीक हैं. न्यायालय का निर्णय सर्वोपरि है, फिलहाल अपनी स्थिति को मजबूत मानते हुए हमें सकारात्मक फैसले की उम्मीद है.
सरताज अली खां,लोक अभियोजक
कमजोर हैं साक्ष्य, गवाह भी हो गये होस्टाइल : बचाव पक्ष
हम भी अच्छे परिणाम की उम्मीद कर रहे हैं. इस मामले में राॅकी यादव के खिलाफ रहे सभी प्रमुख गवाह होस्टाइल हो गये हैं. तकनीकी रिपोर्ट भी कमजोर हैं. राॅकी के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य भी नहीं है.
कैसर सर्फुद्दीन, (रॉकी यादव के वकील)
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