Darbhanga News: गीता योग शास्त्र, रामायण प्रयोग शास्त्र व भागवत वियोग शास्त्र
Darbhanga News:ब्रह्मपुरा गांव में श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन श्रीकृष्ण लीला वर्णन के दौरान मनोरम झांकियां निकाली गयी.
Darbhanga News: मनीगाछी. ब्रह्मपुरा गांव में श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन श्रीकृष्ण लीला वर्णन के दौरान मनोरम झांकियां निकाली गयी. इस दौरान जानकी शरण बाल व्यास ने कहा कि सनातन धर्म में तीन ग्रंथों का बड़ा महत्व है. गीता, रामायण तथा श्रीमद् भागवत. इसमें गीता योग शास्त्र, रामायण प्रयोगशास्त्र तथा भागवत वियोग शास्त्र है. प्रभु के प्रेम में जीव को कैसे रोना चाहिए, यह श्रीमद् भागवत में दिखता है. यहां मृत्यु को टालने की नहीं, बल्कि संवारने की कला सिखायी गयी है. भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही हृदय के कामादि रोगों के निवारण के साथ जीवन का कल्याण हो जाता है. इस दौरान उन्होंने गोकुल में बाललीला, वृंदावन में गोवर्धन लीला का वर्णन किया. कथा के प्रारंभ में मां श्यामा मंदिर न्यास समिति के उपाध्यक्ष प्रो. जयशंकर झा ने पुरोवाक प्रस्तुत करते हुए भगवत कथा की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला. आयोजक जयकला झा तथा संयोजक सुरेश नारायण झा के नेतृत्व में मौके पर नागपुर से आये कोल इंडिया के पूर्व महाप्रबंधक निशिकांत पाठक, कृषि विवि पूसा के पूर्व डीन डॉ अरुण कुमार चौधरी समेत ब्रह्मपुरा के प्रो. विनय कुमार झा, महेश झा, रमेश झा, रघुनंदन चौपाल सहित श्रद्धालु मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
