Darbhanga : कड़ाके की ठंड से राहत नहीं, चरम पर पहुंची शीतलहर, जनजीवन हलकान
कड़ाके की ठंड से निजात नहीं मिल पा रही है. शीतलहर चरम पर पहुंच गई है. पिछले 24 घंटे में तापमान के पारा में करीब दो डिग्री की और कमी आ गई.
और नीचे लुढ़का पारा, सीजन का सबसे रहा ठंडा दिन 24 घंटे के भीतर दो डिग्री और नीचे आ गया उच्चतम तापमान सामान्य से 7.6 डिग्री कम किया गया रिकार्ड दरभंगा. कड़ाके की ठंड से निजात नहीं मिल पा रही है. शीतलहर चरम पर पहुंच गई है. पिछले 24 घंटे में तापमान के पारा में करीब दो डिग्री की और कमी आ गई. इससे जनजीवन पूरी तरह हलकान हो गई है. आज तो आसमान में सूरज की धमक भी नजर नहीं आई, लिहाजा लोगों को घर के भीतर भी यह बर्फीली ठंड सताती रही. वैसे तो इस ठंड से आम से लेकर खास सभी परेशान है, लेकिन सर्वाधिक समस्या नित्य कमाने-खाने वालों को हो रही है. दिहाड़ी मजदूरों को जहां काम नहीं मिल रहा है, वही टेंपो, रिक्शा आदि चलाकर खुद के साथ परिजनों का पेट भरने वालों के सामने घर का चूल्हा जलाने का संकट खड़ा हो गया है. कुछ ऐसा ही हाल फुटपाथी दुकानदारों का भी हो गया है. लोगों के घरों से नहीं निकल पाने की वजह से इनकी बिक्री ठप पड़ गई है. दिनभर दुकान खोलकर कारोबारी बैठे रहते हैं. संध्याकाल दुकान बंद कर वापस निराश लौट जाते हैं. दिन भर में इक्का-दुक्का ग्राहक ही पहुंच पाते हैं. उसमें भी राहगीरों की संख्या ही अधिक नजर आती है. यही वजह है कि शहर के दरभंगा टावर, कादिराबाद, कटहलवाडी, लक्ष्मीसागर, दरभंगा जंक्शन, दोनार, अललपट्टी, बेता, लहेरियासराय, बाकरगंज सहित अन्य प्रमुख चौक-चौराहों पर शाम के पांच बजाते ही सन्नाटा पसर गया. शनिवार को सरकारी कार्यालय में अवकाश होने की वजह से इस ठंड में सड़कों पर खामोशी अधिक गहरी दिखी. 13 डिग्री पर पहुंच गया उच्चतम तापमान गुरुवार को आसमान में हल्की धूप खिलने से मिली एक दिन की राहत के बाद मौसम के तेवड़ कुछ और ही तल्ख होते जा रहे हैं. शुक्रवार को जहां औसत उच्चतम तापमान 15 डिग्री के लगभग दर्ज किया गया था, शनिवार को इसमें और कमी आ गई. यह 13 डिग्री के करीब पहुंच गया. राजेंद्र कृषि केंद्रीय विश्वविद्यालय पूसा के मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार आज का औसत उच्चतम तापमान 13.9 डिग्री रिकॉर्ड किया गया जो सामान्य से 7.6 डिग्री नीचे रहा. न्यूनतम तापमान 10.8 दर्ज किया गया जो सामान्य से 1.6 डिग्री अधिक रहा. बता दें कि उच्चतम तापमान के सामान्य से कम रहने तथा न्यूनतम तापमान अधिक रहने पर अधिक ठिठुरन महसूस होती है. दिनभर छाया रहा अंधेरा, ठिठुराती रही बर्फीली पछुआ इन दोनों स्थिति इतनी विकराल हो गई है कि सुबह होती है और सीधे शाम ढल जाती है. दोपहरी कब होती है यह पता भी नहीं चलता. सुबह से लेकर शाम तक ढूंढ छाया रहता है. शनिवार को एक पल के लिए भी आसमान में सूर्य देव की धमक नजर नहीं आई. अंधेरा साछाया रहा. शाम के पांच बजे से ही रात सा अंधेरा छा गया. इस विकराल मौसम की मार से राहत की सभी गुहार लगा रहे हैं.
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