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अगले 72 घंटे तक होगी अच्छी बारिश

दरभंगा : अगले 72 घंटे तक रुक रुककर वर्षा होती रहेगी. उत्तर एवं मध्य बिहार में मानसून पूरी तरह सक्रिय हो गया है. जिसके कारण उत्तर बिहार के जिले में आसमान में घने बादल देखे जा सकते हैं.इस दौरान एक मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गयी है. यह कहना है कि राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा के […]

दरभंगा : अगले 72 घंटे तक रुक रुककर वर्षा होती रहेगी. उत्तर एवं मध्य बिहार में मानसून पूरी तरह सक्रिय हो गया है. जिसके कारण उत्तर बिहार के जिले में आसमान में घने बादल देखे जा सकते हैं.इस दौरान एक मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गयी है. यह कहना है कि राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा के ग्रामीण मौसम परामर्शी सेवा केन्द्र का.
अगले 12 जुलाई तक के लिए जारी मौसम बुलेटिन में मौसम विभाग ने कहा है कि इस दौरान 8 से 12 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से पछिया हवा चलेगी. हालांकि कभी कभी पुरवा हवा भी चलने की संभावना जतायी गयी है. इस वजह से रुकरुक कर अच्छी वर्षा होगी. मौसम विभाग ने कहा है कि मानसून के सक्रिय होने की वजह से यह बारिश हो रही है. इस दौरान न्यूनतम तापमान न्यूनतम तापमान 24 से 27 डिग्री सेल्सियस तथा अधिकतम तापमान 29 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है.
10 तक नर्सरी में बिचड़ा गिराने का कार्य करें पूरा
विगत वर्षा का लाभ उठाते हुए जो किसान धान का बिचड़ा अब तक नहीं गिराये हों, नर्सरी में गिराने का कार्य 10 जुलाई तक संपन्न कर लें. वर्षा को ध्यान में रखते हुए किसान वर्षा जल का संग्रह खेत में करने के लिए मेड़ों को मजबूत बनाने का कार्य करें. जिन किसानों के पास सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो तथा धान का बिचड़ा तैयार हो वे नीची तथा माध्यम जमीन में धान की रोपनी कर सकते हैं. ऊंची जमीन में अरहर की बुआई करें.
बुआई के समय प्रति हेक्टेयर 20 किलो नेत्रजन, 45 किलो स्फुर एवं 20 किलो पोटाश तथा 20 किलो सल्फर का व्यवहार करें. बहार, पूसा 8, नरेंद्र अरहर 1, मालवीय-13, राजेन्द्र अरहर-1 आदि किस्में बुआई के लिए अनुशंसित हैं.
पंक्ति से पंक्ति की दूरी 60 सेमी रखें. बीज दर 18 से 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रहे. खरीफ मक्का की बुआई करें. देवकी, सुआन, शक्तिमान-1, शक्तिमान- 2, राजेन्द्र संकर मक्का 3, गंगा 11 आदि बुआई के लिए अनुशंसित किस्में हैं.
बुआई के समय प्रति हेक्टेयर 30 किलो नेत्रजन, 60 किलो स्फुर एवं 50 किलो पोटाश का व्यवहार करें. खरीफ मक्का की फसल जो घुटना के बराबर लंबाई की हो गयी हो, उसमें 40 किलो ग्राम नेत्रजन का उपरिवेशन कर मिट्टी चढ़ा दे.
तिल, उरद, बरसाती सब्जियां जैसे- भिंडी, लौकी, नेनुआ, करैला, खीरा आदि फसलों की बुआई करें. वर्षा की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह दी है कि फसलों में दवा छिड़कने का कार्य आसमान साफ रहने पर करें.
अच्छे परिणाम के लिए 1 मिली लीटर गोंद प्रति लीटर पानी की दर से दवा में मिलाकर छिड़काव करें. पहले से तैयार गढ़ों में फलदार एवं जंगली पौधों को लगाने का कार्य करें. पौधों को दीमक तथा सफेद लट कीट से बचाव हेतु 5 मिली क्लोरपाईरिफास दवा एक लीटर पानी में मिलाकर पौधा लगाने के बाद गड्ढे में दें. मवेशियों को संक्रामक रोगों से बचाने के लिए पशु चिकित्सक की सलाह से टीकाकरण कराने का भी सुझाव दिया है.

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