पटना. स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को हाइकोर्ट में सुनवाई के दौरान कोरोना से लड़ने और लोगों को राहत देने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना पेश की़ कार्ययोजना में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कुल दस बिंदुओं के माध्यम से राज्य में ऑक्सीजन की उपलब्धता, ऑक्सीजन प्लांट की शुरुआत, ऑक्सीजन टैंक, संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेड की उपलब्धता और कोविड जांच के लिए मशीन आदि खरीद के बारे में जानकारी दी गयी़
स्वास्थ्य विभाग की ओर से पेश की गयी रिपोर्ट पर हाइकोर्ट ने इसे और बेहतर करने और केंद्र सरकार के अधिकारियों को निगरानी करने का निर्देश दिया है. कोर्ट की ओर से केंद्र सरकार के हेल्थ सर्विसेज के डायरेक्टर जेनेरल को मेडिकल एक्पर्ट टीम गठित कर रिपोर्ट देने को कहा गया़
राज्य में निजी क्षेत्र में कुल 14 ऑक्सीजन जेनेरेशन प्लांट कार्यरत हैं. इन ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट की कुल क्षमता 104 एमटी प्रतिदिन है. अस्पतालों में कुल ऑक्सीजनेटेड बेड की उपलब्धता और भर्ती किये गये मरीजों की संख्या व उनकी मांग के आधार पर ऑक्सीजन का जिला प्रशासन की निगरानी में वितरण में किया जा रहा है.
राज्य के नौ चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पतालों में से छह चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पतालों में क्रमश: 300 एलपीएम एवं 280 एलपीएम का ऑक्सीजन जेनेरेशन प्लांट प्रारंभ किया जा चुका है. शेष तीन में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट प्रारंभ करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है.
स्वास्थ्य विभाग ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि वर्तमान में कोविड केयर सेंटर में 12469, डेडिकेटेड कोविड अस्पताल 2399 और डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में 5671 बेड उपलब्ध है़ं इसके अलावा बिहटा स्थित इएसआइसी अस्पताल में वर्तमान में 60 ऑक्सीजनयुक्त बेड की व्यवस्था है. इसे बढ़ाकर 500 बेड करने की व्यवस्था की जा रही है.
राजेंद्र नगर नेत्र अस्पताल में 100, आइजीआइएमएम में 47 आक्सीजन युक्त बेड की व्यवस्था है और इसे बढ़ाकर 100 ऑक्सीजन बेड किया जा रहा है. पटना के मेदांता अस्पताल में 200 बेड की व्यवस्था की जा रही है़ पाटलिपुत्र खेल परिसर में 200 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था की जा रही है. वहीं, पटना जिले में आवश्यकता होने पर अन्य निजी अस्पतालों को भी कोविड इलाज करने की अनुमति जायेगी.
राज्य के कोविड केयर सेंटरों में 3455 बेड, डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटरों में 3986 बेड और डेडिकेटेड कोविड अस्पताल के 1729 बेडों पर ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है़ निजी क्षेत्र के अस्पतालों में कुल 2268 बेडों पर ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है़ कुल उपलब्ध ऑक्सीजनेटेड और आइसीयू बेड के लिए 170 एमटी आक्सीजन की जरूरत है़
जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह व जस्टिस मोहित कुमार शाह की खंडपीठ ने केंद्र सरकार के डायरेक्टर जेनेरल (हेल्थ सर्विसेज) को निर्देश दिया कि वे दो दिनों के अंदर एक मेडिकल एक्सपर्ट टीम गठित कर बिहार भेजें. इसका नेतृत्व उप महानिदेशक या उससे आला स्तर के अधिकारी करेंगे. यह टीम राज्य सरकार की तैयारी और वर्तमान कार्य योजना को आंकेगी और कोर्ट को बतायेगी की कोरोना के बढ़ते रफ्तार से निबटने में कितना कारगर है.
ऑक्सीजन की उपलब्धता और आपूर्ति की कार्ययोजना को कन्फ्यूजिंग करार देते हुए कोर्ट ने कहा कि एक तरफ रोजाना ऑक्सीजन की किल्लत के कारण अस्पताल में मरीज नहीं भर्ती किये जा रहे हैं. दूसरी तरफ सरकार भारी भरकम कार्य योजना दिखा कर समुचित ऑक्सीजन उपलब्ध्ता का दावा कर रही है. हाइकोर्ट ने महानिबंधक को निर्देश दिया कि एक हाइकोर्ट की इ-मेल आइडी जेनरेट कर राज्य भर में उसे मीडिया के जरिये प्रचारित किया जाए.
अस्पताल में ऑक्सीजन की किल्लत हुई तो फौरन हाइकोर्ट के इ-मेल पर उसकी सूचना दी जाए. हाइकोर्ट प्रशासन सूचना देने वाले अस्पताल प्रशासन के संबंधित जिले के डीएम को फौरन सूचित करेगा. अधिकांश अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत बतायी जा रही है. इन सभी निर्देशों के साथ हाइकोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 27 अप्रैल को निर्धारित की है.
Posted by Ashish Jha