बेतिया : दहेज हत्या के मामले की सुनवाई मात्र दो वर्ष में ही पूरी करते हुए षष्टम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश पति तिवारी ने पति को उम्र कैद एवं सास-ससुर को सात-सात वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है. सजायाफ्ता पति इब्रान अंसारी, ससुर सिकंदर अंसारी, सास शकीना खातून गौनाहा थाना के माधोपुर बैरिया गांव के रहने वाले हैं.
अपर लोक अभियोजक भरतजी ने बताया कि गौनाहा थाना के मनी टोला निवासी ऐतुन खातून की पुत्री सलमा खातून की शादी माधोपुर बैरिया गांव निवासी इब्रान अंसारी से वर्ष 2014 में हुई थी. सलमा खातून के ससुराल वाले दहेज में दीवान पलंग और पोशाकी की मांग करते थे. नहीं देने पर आरोपियों ने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया और अंत में 31 जनवरी 2015 को ससुरालियों ने मिलकर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. इसकी सूचना पर ऐतुन खातून अपने पड़ोसी साकिर अंसारी के साथ बेटी की ससुराल पहुंची. उनलोगों को घर में घुसने नहीं दिया गया. बाद में किसी तरह वे लोग घर में घुसे तो पाया कि उनकी पुत्री की लाश पलंग पर है.
उसके गर्दन के चारों ओर काला निशान पाया. मृतका की मां ऐतुन खातून ने गौनाहा थाना में कांड संख्या 110/15 दर्ज करायी थी. इसी मामले की सुनवाई स्पीडी ट्रायल के माध्यम से पूरी करते हुए न्यायालय ने महज दो वर्ष में अपना यह फैसला सुनाई. न्यायालय ने इस मामले में पति इब्रान अंसारी को भादवि की धारा 304 (बी) के तहत दोषी पाते हुए उसे उम्र कैद व सास-ससुर को सात-सात वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है.