नोटबंदी. व्यवसायियों में स्वैप मशीन की बढ़ी डिमांड
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छुट्टे की झंझट खत्म, 30 फीसद दुकानें होंगी कैशलेस
नोटबंदी. व्यवसायियों में स्वैप मशीन की बढ़ी डिमांड शापिंग मॉल की तर्ज पर अब फुटकर दुकानों में भी कार्ड के जरिए भुगतान की होगी सुविधा, ग्राहकों को सहूलियत बैंकों पर आवेदनों की भरमार बेतिया : आपके अपने शहर में भी खरीदारी पर छुट्टे की झंझट खत्म होने वाली है. जल्द ही शहर में हर दस […]
शापिंग मॉल की तर्ज पर अब फुटकर दुकानों में भी कार्ड के जरिए भुगतान की होगी सुविधा, ग्राहकों को सहूलियत
बैंकों पर आवेदनों की भरमार
बेतिया : आपके अपने शहर में भी खरीदारी पर छुट्टे की झंझट खत्म होने वाली है. जल्द ही शहर में हर दस में से तीन दुकानों पर कैशलेस व्यवस्था रहेगी. यहां आप खरीदारी कर अपना भुगतान स्वैप मशीन के जरिए एटीएम कार्ड से कर सकेंगे. इसका खुलासा बैंकों पर स्वैप मशीन के लिए बड़ी मात्रा में आये आवेदनों से हुई है. अकेले एसबीआई में स्वैप मशीन के करीब 60 आवेदन पड़े हैं. अन्य बैंकों में भी स्वैप मशीन के लिए आवेदनों की भरमार सी लग गई है.
खास यह है कि पांच सौ एक हजार रुपये के नोटों के बंद होने के साथ ही बाजार में प्लास्टिक करंसी की डिमांड बढ़ गई है. बड़े शा¨पिंग मॉल में तो बैंक के डेबिट व क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने का चलन पहले से था, लेकिन अब थोक दुकानों व शोरूमों में भी उपभोक्ताओं को इसी का सहारा है. फुटकर दुकानों पर भी स्वैप मशीन का चलन तेजी से बढ़ रहा है. लिहाजा स्वैप कार्ड मशीनों को लगवाने के लिए बैंकों के पास अब काफी ऑर्डर आ रहे हैं, जिनमें करंट बैंक खाता वाले ग्राहकों को तुरंत ही यह सुविधा बैंकों द्वारा उपलब्ध कराने का दावा किया जा रहा है. वहीं आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, एक्सिस जैसे निजी उपक्रम के बैंकों में भी अब स्वैप कार्ड मशीन लगाने के लिए आवेदन किए जा रहे हैं.
गुम होने का डर नहींं
होटल व्यवसायी अविरल निलेश के मुताबिक, प्लास्टिक करंसी का तो जवाब ही नहीं है. क्रेडिट व डेबिट कार्ड का फायदा ही फायदा है. एक तो यह पर्स या पॉकेट में कहीं भी आसानी से रखे जा सकते हैं. दूसरा पैसे गुम होने व कटने का डर नहीं रहता. साथ ही खुले रुपये देने या लेने का भी झंझट नहीं. कहीं भी जाओ झट से जेब से कार्ड निकालो और स्वैप करते ही जितने रुपये का बिल उतने रुपये काट लिए जाते हैं. आने वाला जमाना और भी आधुनिक होगा और यह उसका आरंभ है. इसलिए इससे पेमेंट करना बेहद आसान है.
फिजूल लगता है टैक्स
अन्य व्यवसायियों ने बताया कि क्रेडिट व डेबिट कार्ड से अदायगी आसान भले ही है, लेकिन इससे आम लोगों की जेब पर एक से दो प्रतिशत तक बोझ भी बढ़ जाता है. प्रत्येक पेमेंट पर कुछ रुपये एक से दो प्रतिशत तक टैक्स पेमेंट के साथ कट जाता है. लोगों को न चाहते हुए भी अब इनका प्रयोग करना पड़ रहा है. केवल कुछ बैंकों से जुड़े उपभोक्ताओं को ही कुछ शोरूम व बड़ी सुपर मार्केट में छूट मिलती है.
इस तरह खरीदें मशीन
स्वैप मशीन लेने के लिए व्यापारी अपनी बैंक शाखा में आवेदन देकर मशीन ले सकता है. दो अलग-अलग मॉडल में यह मशीनें उपलब्ध हैं. पहली लैंडलाइन फोन और दूसरी एंड्रायड मोबाइल के लिए. बैंकों की ओर से निर्धारित रकम जमा कराकर यह मशीन दी जाएगी. इस प्रक्रिया के संबंध में और ज्यादा जानकारी लेने के लिए संबंधित बैंक शाखा में संपर्क कर सकते हैं. बता दें कि स्वैप मशीन एक तरह का डिवाईस है, इसके जरिए एटीएम, डेबिट या क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भुगतान हो सकता है. पैसा बैंक खाते से कटता है.
स्वैप मशीनों के आर्डर आ रहे हैं. बैंकों द्वारा इसे प्रमुखता से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. स्वैप मशीन के संदर्भ में सभी बैंकों के नियम में थोड़ी भिन्नता है. सेंट्रल बैंक से स्वैप मशीन लेने पर 1500 रुपये मासिक किराया व्यवसायी को देना होता है.
महेंद्र कुमार, अग्रणी जिला प्रबंधक
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