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स्वास्थ्य निदेशक के जाली पत्र पर हुई थी तैनाती

जिले में विभिन्न पीएचसी पर सात लोगों की तैनाती की गयी थी, खुलासा पटना स्वास्थ्य निदेशक कार्यालय से जारी फरजी पत्र के आधार पर जिले में सात कर्मियों के नौकरी हथियाने का भंडाफोड़ हुआ है. अब इनके खिलाफ केस दर्ज कराने की प्रकिया शुरू कर दी है. बेतिया : घोटाला, हेराफेरी को लेकर सुर्खियों में […]

जिले में विभिन्न पीएचसी पर सात लोगों की तैनाती की गयी थी, खुलासा

पटना स्वास्थ्य निदेशक कार्यालय से जारी फरजी पत्र के आधार पर जिले में सात कर्मियों के नौकरी हथियाने का भंडाफोड़ हुआ है. अब इनके खिलाफ केस दर्ज कराने की प्रकिया शुरू कर दी है.
बेतिया : घोटाला, हेराफेरी को लेकर सुर्खियों में रहने वाले स्वास्थ्य विभाग की बहाली में फरजीवाड़ा का मामला आया है. निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं बिहार के जाली पत्र पर जिले के विभिन्न पीएचसी पर सात कर्मियों की तैनाती कर दी गयी है.
अब वेरीफिकेशन में निदेशक की ओर से जारी पत्र फरजी पाये जाने पर इन कर्मियों को तुरंत नौकरी से हटाकर एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. जानकारी के अनुसार, दो माह पहले निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं पटना की ओर से जारी पत्र के आधार पर जिले के पीएचसी में सात कर्मियों की तैनाती की गयी थी.
इसमें पांच पुरूष परिवार कल्याण कार्यकर्ता व दो स्वास्थ्य प्रशिक्षक शामिल थे. पत्र के आधार पर इनसे पीएचसी में कार्य लेना शुरू कर दिया गया. इसी बीच वेरीफिकेशन में निदेशक की ओर से जारी पत्र फरजी मिला है. निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डा आजाद हिंद प्रसाद ने सिविल सर्जन को पत्र लिख पत्र के जाली होने की जानकारी दी है. साथ ही इन सातों कर्मिर्यों पर एफआईआर कराने का आदेश दिया है.
लापरवाही में डा. रजक का वेतन रोका : इस मामले में निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं ने सीएस को पत्र लिख कर्मियों के तैनाती संबंधी जारी पत्र की मूल प्रति मांगी थी. इसके लिए सीएस ने नौतन पीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी डा शंकर रजक व सीएस कार्यालय के कर्मी रामाशीष बैठा को पटना भेजने की जानकारी दी थी, लेकिन दोनों लोग वहां उपस्थित नहीं हुए. इसपर निदेशक ने डा रजेक व रामाशीष बैठा का वेतन रोकने का आदेश दिया है.
मामले की जानकारी है. निदेशक कार्यालय की ओर जारी पत्र वेरीफिकेशन मेंंें जाली मिली है. सभी सातों कर्मियों को तुरंत बर्खास्त कर दिया गया है. संबंधित चिकित्सा पदाधिकारी को इन कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने को कहा गया है. इन्हें अभी तक वेतन नहीं दिया गया था.
डा. नंद कुमार मिश्रा, सिविल सर्जन बेतिया
इन्हें मिली थी तैनाती, अब होगी एफआईआर
पुरुष कार्यकर्ता
जयप्रकाश कुमार
कुमार विनय वर्मा
हरेंद्र कुमार
मिलय राज
पिंटू चौधरी
स्वास्थ्य पर्यवेक्षक
अरूण कुमार
सुबोध कुमार सिंह
जांच में स्वास्थ्य निदेशक पटना कार्यालय से जारी पत्र मिला फरजी
सभी सातों कर्मियों पर एफआईआर दर्ज कराने का आदेश
दो माह पहले निदेशक का लेटर के आधार पर पीएचसी में ली थी सभी ने तैनाती

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