जहां भक्ति होती है, वहीं बसते हैं भगवान : आचार्य भारत भूषण

उन्होंने कहा कि सभी भुवनों में निर्धन होते हुए भी वहीं व्यक्ति धन्य है जिसके हृदय में भगवान श्री हरि की भक्ति निवास करती है.

By AMLESH PRASAD | November 24, 2025 10:18 PM

बक्सर. जिले के राजपुर प्रखंड के कुसूरूपा गांव में श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ में अंतिम दिन प्रख्यात भागवत वक्ता आचार्य डॉ भारत भूषण पाण्डेय ने कहा कि यज्ञ सत्संग आदि से देवत्व फैलता है और विवेक की प्राप्ति होती है. उन्होंने शास्त्र के अनुसार जीवन जीने और उत्तम आचरण करने का आह्वान करते हुए इसे सुख का मार्ग बताया है. उन्होंने कहा कि सभी भुवनों में निर्धन होते हुए भी वहीं व्यक्ति धन्य है जिसके हृदय में भगवान श्री हरि की भक्ति निवास करती है. क्योंकि भक्ति सूत्रों से बंधकर भगवान भी अपने लोक वैकुंठ को सर्वथा छोड़कर उसी भक्त के हृदय में प्रवेश करते है. जहां भक्ति होती है वहीं भगवान रहते है और जहां भगवान श्रीमन्नारायण रहते है वहीं प्राचित्स्वरूपा मां जगदम्बा वैकुंठ लक्ष्मी निवास करती है. जहां मां लक्ष्मी जी रहती है, वहां ऋद्धि सिद्धि समृद्धियां उनकी सेवा में तत्पर रहती है. भागवत वक्ता आचार्य डॉ.भारत भूषण जी महाराज ने कहा कि कलि सभी युगों को प्रभावित करने की चेष्टा करता है. लेकिन भगवान की कथा के कारण वह विफल हो जाता है. कलियुग के दोषों से बचाने और भगवान की शरणागति कराने वाली है भागवत कथा. उन्होंने कहा कि जीव भगवान का अंश सदृश अविनाशी और सुखों की राशि है, किन्तु माया के कारण स्वरूप को भूलकर सुख-दुःखों का भोग भोग रहा है. ज्ञान-यज्ञ इसी अज्ञान और बंधन से मुक्त करता है. इसलिए प्रतिदिन शास्त्र का सेवन व सत्संग अवश्य करना चाहिए. आचार्य ने कहा कि द्रव्य यज्ञ, योग यज्ञ, ज्ञान यज्ञ व जप यज्ञ शरीर और मन की शुद्धि के साधन हैं. नाम जप की महिमा बताते हुए उन्होंने कहा कि जप यज्ञ सर्वसुलभ होने से श्रेष्ठ है. इस अवसर पर पं ललितेश्वर शुक्ल वैदिक ने मूल पाठ किया. जबकि पं मार्कंडेय मिश्र ने वैदिक विद्वानों के साथ पूजन-अर्चना कराया. मुख्य यजमान मार्कंडेय मिश्र, तारकेश्वर मिश्र, नरेंद्र मिश्र पारस नाथ पाठक,अशोक मिश्र समेत काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण किया.

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