आज से सिय-पिय मिलन महोत्सव, सज-धजकर तैयार नई बाजार की रंगभूमि

सिय-पिय मिलन महोत्सव के लिए नई बाजार स्थित आश्रम परिसर में रंगभूमि सज-धज कर तैयार हो गयी है.

By AMLESH PRASAD | November 17, 2025 8:58 PM

बक्सर. सिय-पिय मिलन महोत्सव के लिए नई बाजार स्थित आश्रम परिसर में रंगभूमि सज-धज कर तैयार हो गयी है. नौ दिवसीय इस महामहोत्सव का शुभारंभ मंगलवार को गौरीशंकर विवाह लीला के साथ होगा तथा 26 नवंबर को राम कलेवा के साथ समापन किया जायेगा. इस दौरान सुबह से लेकर तकरीबन आधी रात तक प्रतिदिन विविध कार्यक्रम आयोजित होंगे. पहले दिन श्री गौरी शंकर विवाह लीला से रामलीला कार्यक्रम के साथ महोत्सव का श्रीगणेश किया जायेगा. 19 नवंबर को अवतार प्रायोजन तथा 20 नवंबर को राम जन्म एवं बाल लीला का मंचन किया जायेगा. महर्षि खाकी बाबा सरकार के सिय-पिय मिलन तिथि के उपलक्ष्य में 23 नवंबर को दिन में पुष्प वाटिका प्रसंग तथा उसी रात धनुष यज्ञ लीला जीवंत किया जाएगा. वही 25 नवंबर को जनक दुलारी मां सीता एवं प्रभु श्रीराम का विवाह संपन्न होगा. आश्रम के महंत एवं आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री राजाराम शरण जी महाराज ने बताया कि महोत्सव की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. अंतिम रूप देने में तकरीबन एक सौ स्वयं सेवक लगे हुए थे. जिनके द्वारा दिन-रात कड़ी मेहनत करते हुए सोमवार को कार्य पूरा किया गया. आश्रम परिसर में होगा महोत्सव : महोत्सव का आयोजन इस बार आश्रम नई बाजार स्थित श्री सीताराम विवाह महोत्सव आश्रम सह श्री राम-जानकी मंदिर के विशाल परिसर में होगा. इसके पहले इसका आयोजन परिसर के बाहर तकरीबन एक सौ मीटर दूर खुले क्षेत्रफल में किया जाता था. महोत्सव को लेकर परिसर में ही पांच फूट ऊंचा एवं 50 फूट लंबा मंच का निर्माण कराया गया है. भव्य मंच पर ही दिन में श्रीकृष्ण लीला व प्रवचन तथा रात में श्रीराम लीला का मंचन किया जायेगा. आगत अतिथियों के भोजन पकाने व खिलाने आदि का इंतजाम आश्रम परिसर से बाहर आंख अस्पताल परिसर में किया गया है. जबकि अतिथियों के ठहरने की व्यवस्था आश्रम परिसर में हैं. नौ दिनों तक श्रीराम कथा सुनायेंगे मलूक पीठाधीश्वर : महोत्सव में नौ दिनों तक श्रीराम कथा की अमृत वर्षा की जायेगी. प्रति दिन पूर्वाह्न तीन बजे से शाम छह बजे तक कथा का समय निर्धारित किया गया है. श्रीधाम वृंदावन के श्रीअग्रमलूक पीठाधीश्वर जगदगुरु श्री राजेंद्र देवाचार्य जी महाराज कथा सुनायेंगे. ये उच्चकोटि के संत व विद्वान के साथ ही श्रीमद्भागवत एवं श्रीराम कथा के ख्याति लब्ध वक्ता हैं. जिनकी विद्वता की ख्याति देश-विदेश तक फैली है.

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