Buxar News: रक्षा बंधन : भाइयों की कलाइयों पर सजे बहना का प्यार

भाई-बहन के प्यार का प्रतिक रक्षा बंधन का त्योहार उल्लास के साथ मनाया गया

By RAVIRANJAN KUMAR SINGH | August 9, 2025 7:55 PM

बक्सर .

भाई-बहन के प्यार का प्रतिक रक्षा बंधन का त्योहार उल्लास के साथ मनाया गया. इस अवसर पर शनिवार को बहनों ने अपने भाइयों की कलाइयों पर रखियां बांधीं तथा तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु की कामनाएं कीं. जबकि भाइयों ने बहन को रक्षा का वचन दिया. पर्व के चलते शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में चहल-पहल बढ़ गया था. राखी बंधवाने को लेकर नन्हें-मुन्ने बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा था. तड़के जल्दी में विस्तर छोड़ बहन व भाई स्नान आदि से निवृत्त हुए. इसके बाद बहनों द्वारा भाइयों को तिलक लगाया गया, आरती उतारी गई और राखी बांधकर मुंह मीठा कराया गया. बहनों द्वारा राखी बांधने का सिलसिला दोपहर बाद तक चला. रक्षा बंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. सनातन संस्कृति में यह पर्व बहन व भाइयों के लिए समर्पित है. जिसमे बहन भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी आयु व सुखी जीवन की कामना करती है, जबकि भाई इस पवित्र रिश्ते की डोर को सदैव मजबूत रखने के संकल्प के साथ उनकी रक्षा का वचन देते हैं.

ब्राह्मणों ने संपन्न किया श्रावणी उपाकर्म

सावन मास की पूर्णिमा को श्रावणी पर्व के रूप में भी मनाया जाता है. इस अवसर पर ब्राह्मण श्रावणी उपाकर्म की विधि पूरा करते हैं. इसके तहत जाने-अनजाने हुए पापों का प्रायश्चित करते हैं तथा जनेऊ की पूजा कर नये जनेऊ धारण किए जाते हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार श्रावणी उपाकर्म के तहत पूजित व संस्कारित जनेऊ अर्थात यज्ञोपवित को धारण करने से पूर्व संस्कारित करने की आवश्यकता नहीं होती है. इस दिन संस्कारित व पूजित यज्ञोपवित एक साल तक धारण किया जा सकता है. इस संबंध में श्रीकृष्णानंद जी पौराणिक एवं ज्योतिषाचार्य पं.मुन्ना जी चौबे ने बताया कि जनेऊ की गांठ में ब्रह्म स्थित होते हैं और धागे में सप्तऋषि का वास होता है. जनेऊ गायत्री का साक्षात विग्रह है. इस दिन श्रावणी उपाकर्म के तहत जनेऊ का विधि-विधान से पूजा कर संस्कारित किया जाता है. पूजा के बाद उसमे से एक जनेऊ को को उसी समय धारण किया जाता है और बाकी को रख लिया जाता है. क्योंकि वर्ष भर तक जब भी जनेऊ बदलने की जरूरत होती है तो श्रावणी उपाकर्म में संस्कारित जनेऊ को धारण किया जाता है.

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