Buxar News: गंगा का पानी घटने के बाद घाटों पर जमी सिल्ट बनी मुसीबत
गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से नीचे आने के बाद जहां बाढ़ से राहत मिली है, लेकिन पानी घटने के बाद घाटों पर जमे सिल्ट व गाद नई मुसीबत बन गयी है
बक्सर.
गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से नीचे आने के बाद जहां बाढ़ से राहत मिली है, लेकिन पानी घटने के बाद घाटों पर जमे सिल्ट व गाद नई मुसीबत बन गई है. जिससे शहर समेत बाहर से स्नान व अन्य धार्मिक कार्य के लिए आने वाले स्नानार्थयों को काफी परेशानी हो रही है. बाढ़ का पानी गंगा धीरे-धीरे घाटों से गर्भ में चले जाने के कारण घाट पर कीचड़ व गंदगी जमा हो गयी है. रामरेखाघाट स्थित विवाह मंडप में तकरीबन तीन फीट मिट्टी की ढेर लग गई है. मंडप के बाहर भी चारों तरफ मिट्टी ही मिट्टी नजर आ रही है. इससे घाट पर बनी सीढ़ियां भी पूरी तरह मट्टी की ढेर में दब गई हैं. रामरेखाघाट के अलावा शहर के अन्य गंगा घाटों की स्थिति भी यहीं है. स्नान करना खतरनाकमिट्टी जमने के बाद गंगा के कच्चे घाटों को कौन कहे पक्के घाट भी खतरनाक हो गए हैं. लेकिन उसी हालत में लोग गंगा स्नान से परहेज नहीं कर रहे हैं. शव दाह के बाद लोग रामरेखाघाट पर स्नान करते हैं. इसके लिए लोग दूर-दराज से पहुंच रहे हैं. घाट की सीढ़ियों पर जमी सिल्ट से पानी का थाह नहीं मिल रहा है. ऐसे में पैर फिसलने का भय बना रहता है. गंदगी के कारण सड़ांध भी निकल रहा है. जिससे नाक देना मुश्किल हो रहा है.सफाई को लेकर लापरवाह बना नगर परिषदगंगा का पानी लगातार घट रहा है. जैसे-जैसे पानी नीचे खिसकता जा रहा है, सिल्ट का उभार होता जा रहा है. परंतु घाटों पर जमे सिल्ट व गाद को हटाने को लेकर नगर परिषद लापरवाह बना हुआ है. मिट्टी को हटाने का कार्य अभी नहीं हो रहा है. इसके कारण घाट पर कभी भी हादसा हो सकता है.
गंगा का जलस्तरकेन्द्रीय जल आयोग के मुताबिक मंगलवार को शाम पांच बजे गंगा का जलस्तर 58.79 मीटर दर्ज किया गया. जो चेतावनी बिंदु 59.32 मीटर से 53 सेमी एवं खतरे के निशान 60.32 से 1.53 मीटर कम है. जबकि पानी 2 सेमी प्रति घंटे के हिसाब से घटना जारी था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
