कैंप लगाकर तकनीकी सहायकों के प्रमाणपत्रों की होगी जांच

बिहार के पंचायती राज विभाग ने तकनीकी सहायकों के फर्जी डिग्री व संदिग्ध प्रमाणपत्र पर नौकरी करने के बढ़ते मामलों को देखते हुए बड़ा कदम उठाया है.

By AMLESH PRASAD | November 26, 2025 10:26 PM

ब्रह्मपुर. बिहार के पंचायती राज विभाग ने तकनीकी सहायकों के फर्जी डिग्री व संदिग्ध प्रमाणपत्र पर नौकरी करने के बढ़ते मामलों को देखते हुए बड़ा कदम उठाया है. विभाग ने जिलों में कार्यरत तकनीकी सहायकों के शैक्षणिक व तकनीकी प्रमाणपत्रों की कैंप लगाकर सघन जांच कराने का आदेश दिया है. सात वर्ष पहले हुई बहाली प्रक्रिया पर उठते सवालों के बीच विभाग के इस निर्णय से पूरे तंत्र में हड़कंप मचा हुआ है. इधर, पंचायती राज विभाग के संयुक्त सचिव शम्स जावेद अंसारी ने जिला पंचायत राज पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया है. जारी पत्र में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि विभागीय संकल्प संख्या-4046, 25 जुलाई 2018 के तहत राज्य की प्रत्येक चार पंचायतों पर एक तकनीकी सहायक की नियुक्ति की गयी थी. अब, नियोजन के सात साल बाद भी विभाग को लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही है कि बड़ी संख्या में तकनीकी सहायकों ने फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी प्राप्त की है. इतना ही नहीं अगर अब भी कोई तकनीकी सहायक फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी प्राप्त किये हैं, तो ऐसे तकनीकी सहायकों पर प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जायेगी. तकनीकी सहायकों की उड़ी नींद : पंचायती राज विभाग ने तकनीकी सहायकों के प्रमाणपत्रों का कैंप लगाकर युद्ध स्तर पर सघन जांच के आदेश दिये हैं. विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिले में तकनीकी सहायकों के दस्तावेजों का युद्ध स्तर पर सत्यापन किया जायेगा. नियुक्ति के समय जमा किये गये अभिलेखों का वर्तमान प्रमाणपत्रों से बारीकी से मिलान किया जायेगा, यदि किसी तकनीकी सहायक का प्रमाणपत्र फर्जी पाया जाता है, तो उसकी सेवा तत्काल समाप्त कर दी जायेगी. साथ ही संबंधित कर्मी पर एफआइआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. वहीं, जांच के बाद पूरी रिपोर्ट विभाग को अनिवार्य रूप से देनी होगी.

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