निर्देश. 30 अप्रैल तक अनट्रेंड भी करा सकेंगे उर्वरक लाइसेंस का नवीनीकरण
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उर्वरक में मिलावट बरदाश्त नहीं : एमएलसी
निर्देश. 30 अप्रैल तक अनट्रेंड भी करा सकेंगे उर्वरक लाइसेंस का नवीनीकरण बक्सर : समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में गुरुवार को जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता प्रभारी जिला पदाधिकारी मोबिन अली अंसारी ने की. वहीं, संयोजन जिला कृषि पदाधिकारी रणवीर सिंह ने किया. बैठक में उपस्थित बिहार विधान परिषद के माननीय […]
बक्सर : समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में गुरुवार को जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता प्रभारी जिला पदाधिकारी मोबिन अली अंसारी ने की. वहीं, संयोजन जिला कृषि पदाधिकारी रणवीर सिंह ने किया. बैठक में उपस्थित बिहार विधान परिषद के माननीय सदस्य राधाचरण सेठ ने कहा कि उर्वरक बाजार मिलावटी उर्वरक से भरा पड़ा है. उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि उर्वरक को मिलावट फ्री करने के लिए जागरूकता के मद्देनजर सभी प्रखंडों के प्रमुख स्थानों पर होर्डिंग लगाया जाये.
इस बाबत जिला कृषि रणवीर सिंह ने कहा कि शीघ्र ही इसको अमलीजामा पहनाया जायेगा. डीएओ श्री सिंह ने भारत सरकार के राजपत्र का हवाला देते हुए समिति के समक्ष बताया कि उर्वरक व्यवसाय में संलिप्त उन्हीं व्यक्तियों का नया एवं नवीनीकरण लाइसेंस निर्गत किया जा सकता है, जिन्होंने कृषि, रसायन में स्नातक या आत्मा द्वारा मैनेज के माध्यम से देशी कोर्स किया हो. समिति द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 30 अप्रैल तक का डेडलाइन देते हुए सभी उर्वरक अनुज्ञप्ति का नवीनीकरण शपथ-पत्र के साथ किया जाये. शपथपत्र में बिक्रेता इस आशय का शपथ देंगे कि इस अंतिम नवीनीकरण की तिथि के पहले मानक अहर्ता धारण कर लेंगे अन्यथा लाइसेंस निरस्त कर दिया जायेगा. वहीं अनट्रेंड व्यक्तियों को नये लाइसेंस देने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा.
जिला उर्वरक निगरानी समिति है क्या : बिहार सरकार के अधिसूचना संख्या 431 एवं 432 द्वारा उर्वरक पर सतत निगरानी के लिए जिला स्तर पर गठित समिति है, जिसमें जिला पदाधिकारी अध्यक्ष तथा जिला कृषि पदाधिकारी संयोजक व सदस्य के रूप में अध्यक्ष, जिला पर्षद, जिला के विधान मंडल सदस्य, उप विकास आयुक्त तथा जिला सहकारिता पदाधिकारी सदस्य नामित होते हैं. इनके द्वारा जिला स्तर पर थोक एवं खुदरा बिक्री मूल्य का नियंत्रण, उर्वरकों के गुणवत्ता पर सतत निगरानी रखी जाती है.
जिला कृषि पदाधिकारी रणबीर सिंह ने बताया कि जिले में कुल 15 कंपनी, 24 थोक विक्रेता तथा 610 रीटेलर कार्य कर रहें हैं़ इस नेटवर्क को एमएफएमएस (मोबाइल फर्टिलाइजर मानीटरिंग सिस्टम) से जोड़ दिया गया है तथा इस नेटवर्क से बाहर रहनेवाले डीलरों को भी अभियान चलाकर जोड़ा जा रहा है. इससे फायदा यह होगा कि कंपनी से खुदरा विक्रेता तक उर्वरक की आपूर्ति माउस के एक क्लीक से कार्यालय को प्राप्त हो जायेगी, जो खाद की कालाबाजारी रोकने में कारगर सिद्ध होगी. सदर विधायक के प्रतिनिधि कामेश्वर पांडेय के सवाल पर डीएओ ने जवाब दिया कि जिले में छापेमारी दल का गठन किया गया है, जिसमें जिला कृषि पदाधिकारी, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, सहायक निदेशक,उद्यान, बीएओ, अंचलाधिकारी तथा थाना प्रभारी अधिकृत हैं. इनके द्वारा उर्वरक की कालाबाजारी, मिलावट तथा ऊंचे मूल्य पर बिक्री कर रहे व्यवसायियों के प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कार्य जारी है. बैठक में सदर विधायक के प्रतिनिधि कामेश्वर पांडेय, जिला पर्षद अध्यक्ष सुनीता देवी, माननीय एससीएसटी मंत्री के प्रतिनिधि अमरेश कुमार, जिला सहकारिता पदाधिकारी अजय कुमार अलंकार उपस्थित थे.
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