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बक्सर : जिले में फैल रहा साइबर अपराधियों का नेटवर्क

बैंक ग्राहकों की थोड़ी-सी लापरवाही व अज्ञानता में उचक्के निकाल ले रहे खाते से पैसे बक्सर : तकनीकों के प्रसार के साथ ही साइबर क्राइम का दायरा भी तेजी से बढ़ता जा रहा है. बक्सर जिले में भी ऐसे कई मामले उजागर हुए हैं. ऐसे अपराध में संलिप्त बदमाशों पर शिकंजा कसने में पुलिस की […]

बैंक ग्राहकों की थोड़ी-सी लापरवाही व अज्ञानता में उचक्के निकाल ले रहे खाते से पैसे
बक्सर : तकनीकों के प्रसार के साथ ही साइबर क्राइम का दायरा भी तेजी से बढ़ता जा रहा है. बक्सर जिले में भी ऐसे कई मामले उजागर हुए हैं. ऐसे अपराध में संलिप्त बदमाशों पर शिकंजा कसने में पुलिस की मशीनरी भी कारगर साबित नहीं हो रही है. इसके चलते अपराधियों का नेटवर्क दिन-पर-दिन फैलते जा रहा है.
अभी तक साइबर क्राइम से जुड़े मुख्य रूप से तीन तरह के मामले ही सामने आये हैं. बैंक एकाउंट या ई-मेल हैकिंग या फिशिंग के मामले कम ही सामने आते हैं. चूंकि इस तरह के अपराध को करने के लिए कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की जानकारी काफी अच्छी होनी बेहत जरूरी है.
तीन तरह के मामले सबसे ज्यादा : ई-मेल के जरिये : ऐसे मामलों में ई-मेल का उपयोग करते हुए कोई जालसाज ठगी कर लेता है. झांसा, लालच, आश्वासन, फर्जी विज्ञापन समेत अन्य कई हथकंडों का उपयोग ई-मेल के संदेश के जरिये करते हैं.
एटीएम या क्रेडिट कार्ड से : धोखे से दूसरों के क्रेडिट कार्ड गलत उपयोग करना. धोखाधड़ी से एटीम कार्ड का पिन पूछकर पैसे निकाल लेना.
किसी दूसरे के एटीएम कार्ड की चोरी करके उसका उपयोग कर लेना. एटीएम से पैसे निकालने के दौरान धोखा करना.
फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया से : फर्जी एकाउंट से गलत आईडी बनाकर परेशान करना. किसी लड़की के प्रोफाइल या सोशल मीडिया पर मौजूद जानकारी का गलत उपयोग करना. ऐसी जानकारियों का ब्लैकमेल करने के लिए इस्तेमाल करना
समझें साइबर क्राइम को : एक तरह से माना जाये तो साइबर एक स्पेस है, जिसके सिस्टम पर बैठक कर हम और आप काम करते हैं. साइबर से जुड़े अतिरिक्त पहलुओं को जाननेवाले ही इसके माध्यम से साइबर क्राइम करते हैं.
साइबर एक्सपर्ट व इथिकल हैकर ममता पांडेय बताती हैं कि आम लोगों को भी इससे जुड़ी बारीकियों से रू-ब-रू होने की आवश्यकता है. ममता कहती हैं कि साइबर क्राइम करनेवाले लोग साइबर यूजर की कमजोरियों को तलाशते हैं और उनके कई बार निरंतर अभ्यास के सहारे कई सॉफ्टवेयर का प्रयोग करते हैं.
इसके लिए साइबर अपराधी फायर बॉल के साथ कई सॉफ्टवेयर में सेंधमारी का काम किया करते हैं. जैसे कि अगर आज किस साइबर कैफे से ऑनलाइन बैंकिंग कर रहे हैं और अगर उस कंप्यूटर पर एसक्यूएल इंजेक्शन सॉफ्टवेयर है तो आपके आइडी के साथ-साथ आपके पासवर्ड उक्त कंप्यूटर में स्वयं लोड हो जायेगा.
बक्सर जिले में हुईं अबतक की मुख्य घटनाएं
साइबर क्राइम@ वन
साइबर अपराधियों ने 16 मार्च को एलआईसी कर्मी दिलीप कुमार को अपना निशाना बनाया. अपराधियों ने उसके एक्सीसी बैंक के खाते से 40 हजार रुपये गायब कर दिये. जब उनके मोबाइल पर खाते से पैसे कटने का मैसेज आया तो वे बैंक पहुंचे. बैंक अधिकारियों से पूछा तो अधिकारियों ने टाल मटोल किया. इसके बाद जब अधिकारियों से बात नहीं बनी तो लिखित आवेदन देकर मामला दर्ज कराया है.
साइबर क्राइम @ टू
22 मार्च को साइबर अपराधियों ने दो लोगों के खाते से 37 हजार रुपये उड़ा लिये. साइबर ठगी का मामला नगर थाने में दर्ज कराया गया. इस बार ठगों ने शहर के बंगाली टोली की रहनेवाली प्रियंका राय को अपना निशाना बनाया. अपराधियों ने उनके एसबीआई के खाते से 13 हजार रुपये गायब कर लिये हैं.
वहीं चरित्रवन के कृष्णा नगर के रहनेवाले अविनाश कुमार के एक्सीस बैंक खाते से ठगों ने करीब 24 हजार रुपये गायब कर लिये हैं. जब दोनों के मोबाइल पर खाते से पैसा कटने का मैसेज आया तो दोनों बैंक पहुंचे. बैंक अधिकारियों से सही जवाब नहीं मिला.
साइबर क्राइम @ थ्री
14 अप्रैल को साइबर क्राइम अपराधियों ने एक महिला के खाते से 95 हजार रुपये उड़ा लिये. सदर प्रखंड के वरना गांव की रहनेवाली कुसुम कुमारी को अपना निशाना बनाया. अपराधियों ने उनके एसबीआई के खाते से 95 हजार रुपये की उड़ा ली है. महिला ने पुलिस को दिये आवेदन में बताया कि उनके खाते से 95 हजार रुपये उचक्कों ने गायब कर लिए. जब मोबाइल पर मैसेज आया तो देखा की खाते से 95 हजार रुपये गायब हैं.
साइबर क्राइम @ फोर
अपराधियों ने एक शिक्षक के खाते से के खाते से एक लाख 22 हजार रुपये उड़ा लिये. साइबर अपराधियों ने इटाढ़ी प्रखंड के इजरी गांव के रहनेवाले जयमंगल पांडेय को अपना निशाना बनाया.
अपराधियों ने उनके बैंक ऑफ इंडिया के खाते से एक लाख 22 हजार रुपये की खरीदारी कर ली. शिक्षक ने पुलिस को दिये आवेदन में बताया कि उनके खाते से एक लाख 22 हजार रुपये गायब हैं. इसके बाद मैं बैंक का दरवाजा खटखटाया तो बैंक अधिकारियों ने बताया कि आपके खाते से खरीदारी की गयी है.
सावधानी ही बचाव के उपाय
ऑनलाइन लेने-देन से संबंधित बैंकों की तरफ से जारी निर्देशों का ठीक से पालन करान, किसी को फोन पर अपने खाता, पिन, एटीएम, क्रेडिट कार्ड समेत अन्य किसी तरह की जानकारी नहीं देना, कार्ड के प्रयोग के दौरान पूरी सावधानी बरतें, इसे कहीं भी नहीं छोड़ें. अपने सोशल मीडिया के एकाउंट में किसी को ऐसे ही लाइक या शेर नहीं करें, इसके अलावा साइबर सुरक्षा में दिये तमाम छोटी-बड़ी बातों का शिद्दत से पालन करें.
इस तरह यूज करें साइबर सिस्टम को
अपना पासवर्ड आठ अंकों से ज्यादा का (अल्फान्यूमेरिक) बनाएं. अपने कंन्प्यूटर पर एंटी वायरस, फायर बॉल और एंटी स्पाइवेयर अवश्य करें. इंटरनेट पर कभी अपना पता, मोबाइल नंबर, डेविट कार्ड नंबर, क्रेडिट कार्ड नंबर नहीं डालें. अपने कंप्यूटर पर सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट मैनेजर अवश्य डालें. ऑन लाइन बैंकिंग किसी भी साइबर कैफे से नहीं करें.
इंटरनेट पर जॉब ऑफर व लॉटरी में विश्वास नहीं करें. ई-मेल पर आये हुए लिंक के द्वारा ऑनलाइन बैंकिंग करने से बचें. एटीएम में चेक कर लें कि कहीं एक्स्ट्रा स्टॉल तो नहीं लगा है. कभी भी गूगल में जा कर कोई बेवसाइट सर्च नहीं करें. ई-मेल आइडी के उपयोग के बाद साइन आउट कर के ही काम बंद करें.

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