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कोरोना का खौफ: भोजपुर में 11 विदेशियों को रखा गया क्वांरटीन में, लोगों में दहशत

बिहार के भोजपुर जिले के डुमरांव प्रखंड के नया भोजपुर गांव स्थित मस्जिद में कुल 11 इंडोनेशिया व मलयेशिया सहित उनके साथ मुंबई के 2 अनुवादक को स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जांच की गयी.

भोजपुर. बिहार के भोजपुर जिले के डुमरांव प्रखंड के नया भोजपुर गांव स्थित मस्जिद में कुल 11 इंडोनेशिया व मलयेशिया सहित उनके साथ मुंबई के 2 अनुवादक को स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जांच की गयी. इसके बाद उन्हें 14 दिनों तक मस्जिद में ही उनको क्वारंटीन में रहने की व्यवस्था की गयी है. पीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एम हेसामुद्दीन के नेतृत्व में 4 सदस्यीय दल ने लोगों की जांच की. बताया जाता है कि विदेशी मार्च से ठहरे हुए थे. एसडीओ हरेंद्र राम ने बताया कि नया भोजपुर में इंडोनेशिया के 7, मलयेशिया के 4 नागरिक ठहरे हैं. इन लोगों के साथ मुंबई के 2 अनुवादक भी साथ हैं. जांच कराये जाने के बाद उन्हें क्वारंटीन वार्ड में रखा गया है. ऐसे लोगों पर विशेष नजर बनाये रखने को लेकर नया भोजपुर में तैनात पुलिस अधिकारी एवं दंडाधिकारी को निर्देशित किया गया है. एसडीओ ने बताया कि इतने दिनों से नया भोजपुर में विदेशियों की आने की जानकारी नहीं दी गयी थी.

कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कई उपाय किये हैं. एक तरफ बाहर से आये मरीजों की जांच की जा रही है, तो वहीं, दूसरी ओर उनका ब्लड सेंपल भी एकत्र कर जांच के लिए भेजा जा रहा है. राज्य एवं राज्य के बाहर से आये लोगों की स्क्रिनिंग टेस्ट की जा रही है तथा संदिग्ध पाये गये लोगों को होम आइसोलेशन तथा 14 दिनों तक घर में रखने की सलाह दी जा रही है. सर्दी, खांसी व बुखार की शिकायत लेकर पहुंचनेवाले मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड में भी व्यवस्था की गयी है. मंगलवार को सदर अस्पताल में बाहर से आये 12 मरीजों की जांच की गयी, जिसमें एक महिला सिपाही सहित चार लोगों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि सदर अस्पताल में तैनात एक डॉक्टर जो कोरोना वायरस के मरीजों का स्क्रिनिंग टेस्ट कर रहे थे.

उन्हें भी होम कोरेनटाइन किया गया है. उन्हें 14 दिनों तक घर में रहने की सलाह दी गयी है. बताया जाता है कि सदर अस्पताल में तैनात डॉ शैलेंद्र कुमार लगातार कोरोना वायरस की जांच कर रहे थे. अचानक मंगलवार को उन्हें सर्दी, खांसी व बुखार की शिकायत हुई, जिसके बाद उनके द्वारा सदर अस्पताल में डॉक्टरों को दिखाया गया, जहां डॉक्टरों ने छुट्टी पर होम कोरेनटाइन में रहने की सलाह दी. डॉक्टर के बाद अब दूसरे डॉक्टरों में भी दहशत का माहौल कायम हो गया है. वहीं, कोरोना वायरस के बाद सदर अस्पताल में आये आम मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार द्वारा लॉकडाउन होने से भीड़ भाड़ को लेकर ओपीडी सेवा बंद कर दी गयी है, जिसके कारण इमरजेंसी में मरीजों का दबाव बढ़ गया है.,जिसके कारण आम लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है.

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