कोइलवर : भोजपुर जिले के पांच बालू घाटों की मंजूरी मिली, जबकि इसमें कोईलवर के एक भी बालू घाट शामिल नहीं है. सिया द्वारा पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त होने के बाद भोजपुर जिले के सतरह में पांच घाटों पर खनन व प्रेषण की अनुमति मिल गयी है, जिससे सहार के अंधारी, पेउर, बरूही, करवासीन व संदेश प्रखंड का संदेश घाट पर बालू की निकासी की जा सकेगी, जो सिया व पॉलुशन कंट्रोल बोर्ड के नियमों का पालन करेंगे.
मालूम हो कि जिन बालू घाटों पर उत्खनन व प्रेषण की मंजूरी दी गयी है वो सभी घाट पच्चीस हेक्टेयर से कम क्षेत्र वाले घाट है. संदेश व सहार में पांच घाटों पर उत्खनन की मंजूरी मिलते ही बालू व्यवसाय से जुड़े लोगों ने खुशी जतायी है, जबकि कोईलवर में एक भी घाट शुरू नहीं होने से मजदूरों व व्यवसाय से जुड़े लोगों के बीच संशय की स्थिति बनी हुई है. जानकारों की मानें तो कोईलवर, धण्डीहा, चांदी,खनगांव बालू घाट पच्चीस हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र वाले बालू घाट होने के कारण सिया द्वारा अभी मंजूरी नहीं दी गयी है.
बताते चले कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बिहार राज्य को पर्यावरण मामले में बने कानून के उल्लंघन का दोषी मानते हुये राज्य सरकार को सभी नदियों व खनन क्षेत्र में बालू के खनन व ढुलाई पर रोक लगाने को कहा था. ट्रिब्यूनल द्वारा पारित आदेश के आलोक में बिहार सरकार द्वारा बालू के उत्खनन पर रोक लगा दिया गया था. राष्ट्रीय हरित अधिकरण के इस्टर्न जोन बेंच कोलकाता के द्वारा वाद संख्या 07/2016 ईजेड अमन कुमार सिंह बनाम बिहार सरकार व अन्य के आलोक में पारित आदेश में पर्यावरण अनापति प्रमाण पत्र प्राप्त किये बगैर राज्य के खनिज संपदा का उत्खनन, प्रेषण व परिचालन पर 19 जनवरी से ही रोक लगा दी गयी थी,
जो 9 फरवरी से पूर्ण रूप से बंद हो गया था, हालांकि बालू से जुड़े कारोबारियों ने रोक हटाने को लेकर 1 मार्च को आरा-पटना मुख्य पथ को जाम किया था. वहीं 15 मार्च को दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन को जाम कर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के खिलाफ विरोध जताया था.