आरा : रणवीर सेना के संस्थापक ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड के छह साल पूरा होने के बाद भी देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई चार्जशीट तक दाखिल नहीं कर सका है. चार्जशीट दाखिल नहीं होने की वजह से अनुसंधान का कार्य अब तक पूरा नहीं हो सका है. उनकी हत्या होने के बाद स्थानीय पुलिस मामले की जांच कर रही थी.
स्थानीय पुलिस पूरे मामले की जांच में जब विफल हुई तो लोगों की मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने सीबीआई जांच को लेकर केंद्र सरकार को लिखा. इसके बाद सीबीआई जांच पूरे मामले की जांच अपने स्तर से शुरू कर दी, लेकिन छह साल पूरा होने के बाद सीबीआई के किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंचना देश की बड़ी जांच एजेंसी पर सवालिया निशान खड़ा कर रही है.
ब्रह्मेश्वर मुखिया के पुत्र व अखिल भारतीय राष्ट्रवादी किसान महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमार इंदूभुषण ने बताया कि इतने दिन बीत जाने के बाद पुलिस व सीबीआई के कोई ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचना गंभीर सवाल खड़ा कर रहे हैं. किसी की हत्या होती है और सीबीआई भी पर्दाफाश नहीं कर पाती हैं, तो लोग क्या करेंगे?
एक जून, 2012 को हुई थी हत्या : नवादा थाना क्षेत्र के कतिरा में रणवीर सेना प्रमुख ब्रह्मेश्वर मुखिया उर्फ ब्रह्मेश्वर सिंह की हत्या एक जून, 2012 में कर दी गयी थी. सुबह अपने घर से मॉर्निंग वॉक जा रहे थे. इसी बीच उनकी हत्या कर दी गयी थी. इसके बाद पूरे राज्य में काफी बड़ा बवाल मचा था. राजनीतिक और जातिगत स्तर पर काफी बड़ा गतिरोध पैदा हो गया था.
एसआईटी का किया गया था गठन : इस मामले में राज्य पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया था. लेकिन इस हत्याकांड को राजनीतिक हत्या करार देते हुए इसकी जांच केंद्रीय जांच एजेंसी से कराने की मांग हर मोर्चे पर उठने लगी. इसके बाद राज्य सरकार ने घटना होने के सात-आठ दिन बाद इसकी जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया. सीबीआई ने मामले को स्वीकृत करने के बाद इसकी जांच भी शुरू कर दी, लेकिन छह साल बाद भी इसकी जांच में कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है.
हत्यारे पर रखा गया था 10 लाख का इनाम : ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड मामले में सीबीआई ने असली हत्यारे को पकड़ने के लिए दिसंबर, 2016 में सभी मुख्य हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए 10 लाख रुपये का इनाम तक जारी किया था. हत्यारों का सुराग देनेवालों या उन्हें गिरफ्तार करवाने वालों को यह इनाम देने की घोषणा की गयी थी. पूरे शहर में पोस्टर लगाकर उनके हत्यारों को सुराग देने वालों को इनाम देने की घोषणा की गयी थी. सीबीआई के पोस्टर लगाने के बाद कई ऐसे लोगों ने आपसी दुश्मनी को साधने के लिए भी फोन करना शुरू कर दिया था.