पीरो : लोक आस्था के महापर्व छठ के अनुष्ठान को लेकर छठ घाटों व वहां तक आने- जानेवाले रास्तों की सफाई का काम युद्ध स्तर पर जारी है. इस कार्य में गांव से लेकर शहर तक उत्साही युवकों की सहभागिता देखी जा रही है. पीरो अनुमंडल मुख्यालय से सटे बाहरी महादेव धाम स्थित सूर्य मंदिर तक जानेवाले रास्ते की साफ-सफाई मंगलवार को स्थानीय युवकों द्वारा की गयी. इस कार्य में ओझवलिया, लहराबाद, बलुआही टोला, बरौली सहित आसपास के गांवों के सैकड़ों युवक उत्साह से जुटे थे.
इधर पीरो नगर के ओझवलिया नहर स्थित छठ घाट व वहां तक पहुंचनेवाले रास्तों पर प्रकाश की व्यवस्था की जिम्मेदारी विकास सिंह, अभिषेक कुमार, टिंकू सिंह जैसे युवा संभाल रहे हैं. ओझवलिया नहर छठ घाट पर हर साल की तरह इस साल भी समाजसेवी भिखेश्वर प्रसाद केसरी की ओर से भगवान भास्कर की प्रतिमा स्थापित की जा रही है. पीरो नगर के चिलबिलिया नहर पुल पर छठ व्रतियों के लिए सभी आवश्यक इंतजाम कुबेर शिक्षा व समाज कल्याण समिति की ओर से की जा रही है. अनुमंडल के दूसरे स्थानों पर भी अलग-अलग संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा छठ व्रतियों के लिए सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है. इस पुनीत कार्य में लोग स्वेच्छा से सहयोग कर रहे हैं.
जगह-जगह दिख रहा छठ का उत्साह
पीरो. छठपूजा को लेकर नगर पंचायत, कोइलवर समेत धनडीहा, फरहंगपुर, बहियारा, चांदी, खनगांव, जोगता, कायमनगर, जमालपुर, बिंदगांवा समेत सभी जगहों पर छठ घाटों पर साफ-सफाई कर उसे दुल्हन की तरह सजाया गया है. वहीं कई गांवों में पोखर, तालाब व कुएं के पास भी छठपूजा को ले साफ कर चकाचक कर दिया गया है. नगर पंचायत, कोइलवर में सभी घाट पर साफ-सफाई कर रंग-रोगन भी किया गया है. वार्ड सदस्यों द्वारा अपने-अपने वार्डों में तोरणद्वार बनाये गये हैं. हर गली व घरों में छठपूजा के पारंपरिक गीत बज रहे हैं, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया.
कोइलवर. महंगाई के बावजूद लोग पूजा से जुड़े सामान व फल की खरीदारी कर रहे हैं. फल, सूप, टोकरी के दामों में वृद्धि के बाद भी छठ व्रती खरीदारी में जुटे हैं.
कोइलवर में नाशपाती डेढ़ सौ रुपये, सेब 90 रुपये, अमरुद 250 रुपये, अनार डेढ़ सौ रुपये, शकरकंद 70 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा है. वहीं नारियल व अन्ननास 80 रुपये जोड़ी बिक रहा है. सूप एक सौ 20 रुपये जोड़ी व टोकरी 150 रुपये प्रति पीस बिक रहा है. घी की कीमतों में भी वृद्धि हो गयी है. इसके बाद भी छठ व्रती खरीददारी में जुटे हैं. छठ व्रती बताते हैं चाहे कितनी भी महंगाई क्यों न हो छठ व्रत तो करना ही है. लोग बताते है महंगाई पर आस्था भारी है.