विधानसभा चुनाव की थकान मिटाने के साथ ही भागलपुर की राजनीति ने एक बार फिर करवट ली है. इस बार हलचल नगर सरकार को लेकर है. एक बार फिर नगर सरकार में उठा-पटक की पठकथा तैयार हो गयी है. सोमवार को यह हलचल सामने आयी. पता चला कि इस बार बागी पार्षद मेयर और डिप्टी मेयर दोनों को बदलने की तैयारी में हैं, तो मंगलवार को जगह-जगह बैठकों का दौर जारी रहा. पक्ष-विपक्ष में जोड़-तोड़ भी शुरू हो गया. चर्चा के अनुसार इस बार कमान भागलपुर के एक विधायक के हाथ है. एक पूर्व मेयर के भी इसमें रुचि लेने की बात कही जा रही है, तो दूसरी ओर गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे के भी इस मामले में शामिल रहने की बात जोरों पर है, हालांकि डॉ दुबे ने इससे पुरजोर इनकार किया है. उनके अनुसार विधानसभा चुनाव तक पार्टी के निर्देश पर वो भागलपुर रहे, इसके बाद की स्थिति से उन्हें कोई मतलब नहीं.
मेयर-डिप्टी मेयर दोनों को बदलने की है तैयारी
जानकारी के अनुसार इस बार की चर्चा मेयर सीमा साहा और डिप्टी मेयर राजेश वर्मा के खिलाफ पार्षदों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने को लेकर है. मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव के पक्षधर पार्षदों का साइन कराने का काम चलता रहा. अविश्वास प्रस्ताव लानेवालों में शामिल लोगों का दावा है कि 35 से 37 पार्षद प्रस्ताव के पक्ष में हैं.
विधायक के घर भी हुई बैठक
चर्चा है कि अविश्वास प्रस्ताव लानेवाले और समर्थक पार्षदों की बैठक मंगलवार को नगर विधायक अजीत शर्मा के घर हुई. इस दौरान आगे की रणनीति बनी, पर इससे विधायक इनकार करते हैं. यह अलग बात है कि निगम व मेयर की कार्यप्रणाली पर उन्होंने जमकर भड़ास निकाली.
आज पेश होगा अविश्वास प्रस्ताव
चर्चा है कि बुधवार को पार्षद नगर आयुक्त से मिलकर अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए पत्र देंगे. वार्ड 37 की पार्षद बबिता देवी को मेयर और वार्ड 27 के पार्षद उमर चांद को डिप्टी मेयर बनाने की तैयारी है. विधायक से मिलने गये एक पार्षद का दावा था कि उनके पास 24 पार्षदों का साइन है, देर शाम तक यह संख्या 37 तक पहुंच जायेगी. पार्षदों का आरोप था कि मेयर-डिप्टी मेयर को विकास कार्यों से कोई मतलब नहीं है इसलिए उनको पद पर रहने देने का कोई मतलब नहीं.
अविश्वास प्रस्ताव के लिए 17 व प्रस्ताव पारित कराने के लिए 26 पार्षदों का होना जरूरी
मेयर और डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए कम से कम 17 पार्षदों का साइन होना जरूरी है तो प्रस्ताव को पास कराने के लिए 26 पार्षद होने चाहिए.
कई पार्षदों ने खुद को अलग बताया
कई पार्षदों ने खुद को इस अभियान से अलग बताया. पार्षद सदानंद चौरसिया और पार्षद दिनेश तांती ने कहा कि उनको इससे मतलब नहीं. दूसरी ओर पार्षद सह पूर्व डिप्टी मेयर डॉ प्रीति शेखर ने कहा कि उन्हें इससे कोई लेना देना नहीं है, उनको शहर और अपने वार्ड की सफाई चाहिए.
देर रात चलता रहा पक्ष-विपक्ष में जोड़-तोड़
अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा के बाद मंगलवार को सुबह से देर रात तक पक्ष विपक्ष में जोड़-तोड़ चलता रहा. मेयर-डिप्टी मेयर की ओर से मानमनौव्वल जारी था तो विपक्ष की ओर से साइन कराने का अभियान चला.
इसी साल मेयर के खिलाफ आया था प्रस्ताव
इसी साल मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया था. उस समय भी बबिता देवी को मेयर बनाने की बात थी. पर अधिकतर पार्षद नेपाल चले गये और प्रस्ताव पर चर्चा के दिन आये ही नहीं. इस कारण प्रस्ताव गिर गया था. उस समय कई पार्षदों की नेपाल की तसवीरें भी वायरल हुई थीं.
मेयर का दावा : सभी पार्षद उनके साथ
अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात पर मेयर सीमा साहा ने कहा कि सभी पार्षद उनके साथ हैं और वह सभी के साथ हैं. सभी पार्षद एक हैं. हा, शहर के विकास में बाधक निगम के पदाधिकारी हैं, जो विकास कार्य नहीं चाहते.
साढ़े तीन साल के कार्यकाल में मेयर का काम शून्य : विधायक
भागलपुर के विधायक सह कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा कि साढ़े तीन साल में मेयर ने शहर के लिए कुछ नहीं किया. शहर में कूड़े का अंबार लगा है. जहां-तहां कूड़ा गिराया जा रहा है. वाटर वर्क्स में पानी की कमी है. जनता त्राहिमाम है. स्मार्ट सिटी योजना पर काम सही से नहीं हो रहा है. जनता के साथ मिलकर निगम के खिलाफ आंदोलन होगा. जनता की आवाज बनकर मैं हमेशा उनके साथ खड़ा रहूंगा. उन्हाेंने सभी पार्षदों से आग्रह किया है कि वह मेयर पर दबाव बनायें कि शहर के विकास योजना को धरातल पर लाने के लिए निगम के पदाधिकारियों को कहें.
Posted by: Thakur Shaktilochan