20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जिले का बर्ड एटलस बनेगा, स्थानीय व प्रवासी पक्षियों के आवास क्षेत्र की होगी पहचान

जिले का बर्ड एटलस बनेगा, स्थानीय व प्रवासी पक्षियों के आवास क्षेत्र की होगी पहचान

प्रभात खबर खास

फोटो सिटी में स्थानीय पक्षी पड़ोकी या वन कबूतर नामक

– भागलपुर वन प्रमंडल व बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के विशेषज्ञ तैयार करेंगे तीन वर्ष तक अध्ययन

वरीय संवाददाता, भागलपुर

भागलपुर शहर समेत पूरे जिले में लगातार बढ़ रही मानवीय गतिविधियों के कारण चिड़ियों की चहचहाहट में काफी कम हो गयी है. कभी गौरैया, मैना, नीलकंठ, पड़ोकी या वन कबूतर, कठफोड़वा, चील समेत अन्य स्थानीय पक्षी झुंड में जहां तहां दिखायी देते थे. शहरी क्षेत्र से पक्षियों के हो रहे पलायन की मुख्य वजह जानने की तैयारी चल रही है. इसके लिए भागलपुर वन प्रमंडल की ओर से जिले का बर्ड एटलस तैयार किया जायेगा. किस शहर, प्रखंड, पंचायत व क्षेत्र में कौन-कौन से स्थानीय व प्रवासी पक्षी रहते हैं, इस एटलस में इसकी चर्चा की जायेगी. प्रमंडलीय वन पदाधिकारी श्वेता कुमारी ने बताया कि बर्ड एटलस को तैयार करने में बांबे नेचुरल सोसाइटी समेत पक्षी विशेषज्ञों, पर्यावरण व पक्षी प्रेमियों की मदद ली जायेगी. इसके लिए दो राउंड की मीटिंग हो चुकी है. अब एक फाइनल मीटिंग कर पक्षियों का सर्वे शुरू कर दिया जायेगा. सर्वे में टीम के सदस्य शहर के मकानों, क्वार्टर, बहुमंजिला इमारतें, गंगा व कोसी समेत अन्य नदी तट व तालाब, खेतों, उद्यान, जलाशयों में पक्षियों की गतिविधियों को देखेंगे. इसमें हर 15 मिनट में कितनी चिड़ियों दिखती है, इस आधार पर रिपोर्ट तैयार होगी. एटलस में जिले में क्षेत्रवार निवास करते वाले पक्षियों का डाटा तैयार होगा. वहीं पक्षियों की संख्या कम होने वाली गतिविधियों को रोका जायेगा.

जिले में 300 प्रजाति के पक्षी रहते हैं : मंदार नेचर क्लब के संस्थापक अरविंद मिश्रा ने बताया कि बर्ड एटलस के लिए तैयार टीम तीन साल तक पक्षियों की गतिविधियों का अध्ययन करेगी. हर साल दो बार सर्वे होगा. बर्ड एटलस में भागलपुर को कई ग्रिड या सेल में बांटा गया है. इसमें जिले में किस-किस क्षेत्र में कैसे-कैसे पक्षी रहते हैं. कहां पर ज्यादा कहां पर कम हैं, इसकी रिपोर्ट तैयार होगी. इसी माह सैंपल फील्ड विजिट कराया जायेगा. एटलस को नेशनल व इंटरनेशनल लेवल पर जारी किया जायेगा. उन्होंने बताया कि जिले में 300 से ज्यादा प्रजाति के पक्षी पाये जाते हैं. इनमें प्रवासी पक्षियों की 110-115 प्रजाति हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें