भागलपुर : बालू और कोयले की काली कमाई को लेकर थाना प्रभारियों पर वरीय पदाधिकारियों द्वारा लाइन हाजिर, निलंबन की कार्रवाई तो होती रही,लेकिन इस काले कारोबार की अवैध कमाई के स्रोत पर रोक नहीं लग पायी. इस कारण जहां जगदीशपुर और सजौर और अमरपुर की नदियों में हमेशा पानी रहता था और यहां के किसान चावल उपज के मामले में हमेशा धनी रहते थे वहां आज बालू खनन से नदियां इतनी गहरी हो गयी हैं कि अब खेतों तक सही से पानी नहीं जा पाता है.
इससे चावल के उत्पादन पर भी असर पड़ा है. हर साल नदियों का बालू बचाने के लिए सरकार और प्रशासन से निर्देश जारी होते हैं,लेकिन इन निर्देश को ताक पर रख कर पुलिस वाले बालू माफियाओं के गठजोड़ से बालू का खनन कराते हैं. दो साल पहले तत्कालीन आइजी बच्चू सिंह मीणा ने कड़ी कार्रवाई करते हुए इन घाटों पर छापेमारी की थी,जिसमें कई ट्रैक्टर, ट्रक आदि घाट पर ही बरामद हुए थे. उसके बाद कुछ माह तक बालू के अवैध खनन पर रोक भी लगी, लेकिन फिर से बालू अवैध खनन होने लगा. वर्तमान आइजी सुशील मान सिंह खोपड़े ने भी बालू के अवैध खनन पर राेक के लिए निर्देश जारी किये थी.
वैसे भी जगदीशपुर और सजौर थाना इलाके में हो रहे बालू के अवैध खनन की भनक एसएसपी को लग गयी थी. वे इस पर नजर बनाये हुए थे. और शनिवार को खनन पदाधिकारी और डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर के नेतृत्व में छापेमारी की गयी. दो जगहों पर बालू का अवैध भंडारण पाया गया और कई गाड़ियां भी बरामद की गयी. सूत्रों की मानें तो दोनों थाना प्रभारियों के निलंबन की कार्रवाई के बाद शहर और जिले के कई और थाना प्रभारी अपने क्षेत्र में बालू का अवैध कारोबार करनेवाले को चिह्नित कर कार्रवाई करना शुरू कर दिया है. वैसे शहर के कई थाना क्षेत्र में जुआ और अवैध शराब का कारोबार हो रहा है. जिस पर पुलिस की नजर है.