भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोर्स वर्क के लिए पीजी के विभागाध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश नहीं दिया गया है. इसके कारण पीएचडी के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके छात्रों के सामने असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गयी है.
विश्वविद्यालय के निर्देश को स्पष्ट करते हुए प्रवक्ता डॉ इकबाल अहमद ने बताया कि 31 मई 2013 से पहले जिन छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है, वे चाहें तो कोर्स वर्क में नामांकन करा सकते हैं. अगर वे नहीं चाहते, तो उनके मन पर है. इस तिथि के बाद रजिस्ट्रेशन करानेवाले छात्र-छात्रओं को कोर्स वर्क करना आवश्यक होगा.
छात्रों में असमंजस की स्थिति इसलिए भी कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 2009 रेगुलेशन के तहत पीएचडी के अभ्यर्थियों को एक सेमेस्टर का कोर्स करना अनिवार्य कर दिया है.
इसके साथ-साथ यूजीसी की ओर से निर्धारित अन्य मापदंडों का अनुपालन भी करना होगा. यूजीसी के इस निर्देश के लागू होने के बाद भागलपुर विश्वविद्यालय में हजारों छात्रों ने पंजीयन कराया, लेकिन विश्वविद्यालय ने समय रहते निर्देश का अनुपालन नहीं किया. विश्वविद्यालय इसे लागू करने में विलंब करता रहा और दूसरी ओर पंजीयन करा चुके छात्रों का शोध कार्य जारी रहा. अब इनमें कुछ छात्र पीएचडी थीसिस जमा करने की तैयारी कर रहे हैं, कुछ वाइवा का इंतजार कर रहे हैं. कुछ ने तो पीएचडी की उपाधि प्राप्त भी कर ली है. दूसरी ओर विश्वविद्यालय के पीजी विभागों में कोर्स वर्क में तीन मार्च से कक्षा संचालन शुरू होने जा रहा है. भौतिकी विभाग के शोधार्थी अंशु कुमार राय ने बताया कि अब उनलोगों के सामने क्या करें, क्या न करें की स्थिति है. विभागाध्यक्ष को पूछते हैं, तो वे स्पष्ट बता ही नहीं रहे.