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रेशम हत्याकांड : अभिषेक दोषी करार

फैसला. सजा सुनाते फफक पड़ी मां, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में हुई सुनवाई 24 माह पुराने रेशम हत्याकांड का बुधवार को फैसला सुनाया गया. अदालत ने आरोपित अभिषेक को दोषी माना. फैसला सुनते ही रेशम की फफक-फफक कर रोने लगी. भागलपुर : प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी की अदालत में 24 महीने […]

फैसला. सजा सुनाते फफक पड़ी मां, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में हुई सुनवाई

24 माह पुराने रेशम हत्याकांड का बुधवार को फैसला सुनाया गया. अदालत ने आरोपित अभिषेक को दोषी माना. फैसला सुनते ही रेशम की फफक-फफक कर रोने लगी.
भागलपुर : प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी की अदालत में 24 महीने पुराने चर्चित रेशम हत्याकांड पर बुधवार को फैसला सुनाया गया. अदालत ने आरोपित अभिषेक उर्फ चीकू को रेशम की हत्या में दोषी करार दे दिया. जैसे ही अदालत ने अभिषेक को दोषी कहा, वैसे ही रेशम की मां सोनी देवी फफक-फफक कर रो पड़ी. सोनी देवी ने कहा कि उसकी मासूम बेटी के हत्यारे को कड़ी से कड़ी सजा दी जाये. अदालत 24 अक्तूबर को अभिषेक के खिलाफ सजा सुनायेगी. मामले में सरकार की ओर से लोक अभियोजक सत्यनारायण साह व बचाव पक्ष से ओमप्रकाश तिवारी ने पैरवी की.
यह है रेशम हत्याकांड. वारसलीगंज मोहल्ले में 15 अक्तूबर 2014 की शाम रेशम कोचिंग से लौट रही थी. तभी पड़ोसी अभिषेक ने उसके सामने आ गया. उसने ताबड़तोड़ 15 बार चाकू से गोद कर रेशम की मौके पर हत्या कर दी. हत्या के बाद चर्चा आम होने लगी कि 13 वर्षीय रेशम से वह एकतरफा प्यार करता था, जिसे रेशम ने मना कर दिया. अभिषेक ने रेशम का कत्ल करने के बाद खुद को भी चाकू से गोद डाला. हत्या के समय रेशम कक्षा 8 में पढ़ती थी.
लोहापट्टी से अभिषेक ने खरीदे 100 रुपये के दो चाकू. अभिषेक ने घटना वाले दिन सुबह लोहापट्टी से 100 रु में दो चाकू खरीदने के बाद घर में पूजा किया. पूजा के बाद माथे पर तिलक लगा वह घर से निकल पड़ा. कोचिंग से घर लौट रही रेशम को उसने पीछे से पकड़ लिया.
पहले ही रेशम की मां फांसी की कर चुकी है मांग. रेशम की मां सोनी देवी के मुताबिक रेशम की शरीर पर इतनी बार चाकू गोदा कि डॉक्टर भी पोस्टमार्टम के समय सहम गये थे. जब तक हत्यारे अभिषेक को फांसी नहीं होगी, तब तक मृत रेशम की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी. उसने कहा कि उस समय रेशम की उम्र 13-14 वर्ष की थी और वह प्यार से अनजान थी. अक्सर अभिषेक घर आता था, लेकिन वह इससे अनभिज्ञ थी. रेशम घर में सबसे बड़ी थी. रेशम के पिता सोने-चांदी की दुकान में काम करते हैं.
एक साल पहले 15 अक्तूबर को रेशम की चाकू से गोद कर हत्या कर दी गयी थी
अभिषेक के प्रति मोहल्ले में आक्रोश
12 सितंबर की बहस में अभिषेक की मां सुशीला देवी ने कोर्ट में याचिका देकर शहर में रहने का ठिकाना नहीं होने की बात कही थी. सुशीला देवी के अनुसार घटना के बाद उनकी स्थिति नाजुक हो गयी थी. मोहल्ले की महिलाएं बाजार में मिल जाती तो वह नजर नहीं उठा पाती थी. मोहल्ले वाले घर में घुसने नहीं देते. उसने कहा कि घटना के बाद लोगों में आक्रोश था. पुलिस ने मकान पर ताला लगा दिया है. इस कारण वह अपना मकान छोड़ कुछ दिनों तक परिजन के पास रहने लगी.
वर्तमान में सिकंदरपुर पानी टंकी के पास अपने बेटों के संग रहती हैं. उसकी याचिका पर कोर्ट ने पुलिस को मकान का ताला खुलवाने और सुशीला देवी को वहां रहने का निर्देश दिया था.
मेरी नहीं हुई, तो किसी और की भी नहीं होने देंगे

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