महंगाई. जिले में भी घट रहा है दाल का उत्पादन
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भोजन का जायका न बिगाड़ दे दाल
महंगाई. जिले में भी घट रहा है दाल का उत्पादन लगातार दाल के भाव में बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं की चिंता बढ़ गयी है. पिछले वर्ष की तरह ही इस बार भी अरहर 150 रुपये का भाव छू गया और चना 82 रुपये किलो तक पहुंच चुका है. दाल का बढ़ता भाव भोजन का जायका बिगाड़ […]
लगातार दाल के भाव में बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं की चिंता बढ़ गयी है. पिछले वर्ष की तरह ही इस बार भी अरहर 150 रुपये का भाव छू गया और चना 82 रुपये किलो तक पहुंच चुका है. दाल का बढ़ता भाव भोजन का जायका बिगाड़ सकता है.
भागलपुर : जिले में भी दाल का उत्पादन घटता जा रहा है,
जबकि जिले के हर प्रखंड में कुछ न कुछ दलहन का उत्पादन होता है. कृषि विभाग के विशेषज्ञों की मानें तो तीन वर्षों में अरहर दाल का उत्पादन 40 फीसदी तक घटा है. 2014 में 1500 हेक्टेयर भूमि में 14.56 क्विंटल प्रति हेक्टेयर भूमि की दर से उत्पादन हुआ, वहीं अब 8.6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पर पहुंच चुका है.
चना का उत्पादन भी 2014 में 12.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, तो इस वर्ष में 11.24 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हुआ. इसी तरह मसूर व कलाई की भी यही स्थिति है.
किराना दुकानदार ओम प्रकाश कानोडिया ने बताया कि पिछले वर्ष जो दाल के भाव थे, उसे छूने लगा है.
इससे उपभोक्ता किलो की जगह 100 ग्राम व पाव में दाल की खरीद करने लगे हैं. हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि एक सप्ताह में दाल के भाव घटने की संभावना है. चूंकि सरकार की ओर से सस्ते दाल को आयात कर उपभोक्ताओं के बीच उपलब्ध कराया जायेगा. दूसरे किराना कारोबारी विजय कुमार का भी कहना है कि दाल के भाव सुनकर ग्राहकों को पिछला साल याद आ रहा है. पिछले साल भी दाल काफी महंगा था.
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