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अब हर दूसरे दिन गूंजेगी शहनाई

भागलपुर : पूस का महीना है, खरमास चल रहा है. शादी -ब्याह जैसे मांगलिक कार्यों पर लगभग विराम लगा हुआ है, लेकिन इंतजार की घड़ियां अब थमने को हैं. मकर संक्रांति के साथ ही गांव से लेकर शहर तक शहनाई की गूंज शुरू हो जायेगी. मतलब मांगलिक कार्य शुरू होने में चंद दिन बचे हैं. […]

भागलपुर : पूस का महीना है, खरमास चल रहा है. शादी -ब्याह जैसे मांगलिक कार्यों पर लगभग विराम लगा हुआ है, लेकिन इंतजार की घड़ियां अब थमने को हैं. मकर संक्रांति के साथ ही गांव से लेकर शहर तक शहनाई की गूंज शुरू हो जायेगी. मतलब मांगलिक कार्य शुरू होने में चंद दिन बचे हैं. इस महीने की 17 तारीख से 15 मार्च तक दो माह हर दूसरे दिन शादी का शुभ मुहूर्त है. 15 मार्च तक विवाह के कुल 28 शुभ मुहूर्त हैं, जिसमें शांदियां होंगी और अन्य मांगलिक कार्य भी होंगे. इस दौरान पंडितों की कमी होने की पूरी आशंका है.

विशेषज्ञों का कहना है कि 14 और 15 जनवरी की मध्य रात्रि सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होगा. इसके बाद विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू हो जायेंगे. 17 जनवरी से विवाह के मुहूर्त भी शुरू होंगे और एक बार फिर चारों तरफ बैंड-बाजा और बरात की धूम नजर आयेगी.
मार्च-अप्रैल में विराम. जाने-माने विद्वान पंडित रामदेव पांडेय के मुताबिक 17 जनवरी के बाद से शुरू होकर शादी-ब्याह का सिलसिला 15 मार्च तक चलेगा. 15 मार्च से 15 अप्रैल तक सूर्य मीन राशि में होने से फिर एक माह विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे.
पंडित रामदेव पांडेय ने बताया कि मीन राशि की संक्रांति में मांगलिक कार्य वर्जित माने गये हैं. यह खरमास की श्रेणी में आता है, इस लिए इस दौरान शुभ कार्य आदि नहीं होंगे. 15 अप्रैल के बाद फिर मांगलिक कार्य शुरू होंगे, जो 30 अप्रैल तक चलेंगे. पंडित निशिकांत झा कहते हैं कि मकर संक्रांति के बाद मांगलिक कार्य शुरू हो जायेंगे. उन्होंने कहा कि खरमास के कारण मांगलिक कार्य रूका हुआ था.
मई-जून में लगन नहीं. गरमियों में बाहर कमाने गये लोग गांव लौटते हैं. इस लिए मई-जून माह में खूब शादियां होती हैं, लेकिन इस बार इन दोनों ही महीनों में विवाह मुहूर्त नही है. एक और विद्वान पंडित अजय मिश्र के मुताबिक तीन मई से शुक्र अस्त हो जायेगा. इस लिए विवाह के योग नहीं बनेंगे. विवाह कार्यों के लिए गुरु और शुक्र दोनों का उदित होना जरूरी माना गया है.

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