गजल, गीत व नज्मों के हस्ताक्षर मुनव्वर राणा और अपनी बेहतरीन प्रस्तुतियों के बीच लोगों के दिलों तक सीधे पहुंचने वाले राहत इंदौरी की जुगलबंदी रविवार की शाम अपनी प्रस्तुति के जरिये शहर के माहौल में ऊर्जा भरेगी. जिंदगी के हर रंग को अपने शब्दों के जरिये लोगों के दिल पर हर्फ लिखने का काम तीन जनवरी की शाम छह बजे से शुरू होगा.
प्रभात खबर के जरिये आयोजित होनेवाले शाम-ए-महफिल में शामिल होने में अगर आप चूक गये, तो यकीं मानिये नये साल के पहले सबसे बड़े शायराना महफिल से रूबरू न हो पाने का मलाल आपको रहेगा. शेरो-गजल के महाराजा मुनव्वर राणा काे अपने बीच पाने की आगोश ख्वाहिश तो महफिलों के मन में भी पलती है. इंदौरी साहब के नज्म तो महफिल को रूमानियत की ऐसी दुनिया में ले जाती है जहां श्रोताओं के ख्वाब, कल्पनाएं और ख्वाहिशें हकीकत में तब्दील होती दिखती है. इस महफिल में प्रवेश पास के जरिये मिलेगा.