भागलपुर : टाउन हॉल में गुरुवार को चुनाव कर्मियों को वीवीपैट की ट्रेनिंग दी गयी. वीवीपैट की मदद से वोटर जब वोट देकर निकलेंगे तो साथ में उन्हें स्लिप भी मिलेगी. वोट डालने के तुरंत बाद वोटर उसे सिस्टम में दर्ज होता भी देख सकेंगे. इवीएम कोषांग के पदाधिकारियों के अनुसार नये सिस्टम के प्रति लोगों को जागरूक किया जायेगा. नगालैंड विधानसभा की एक सीट के उपचुनाव के दौरान इस सिस्टम का प्रयोग किया गया था.
पांच सेकेंड जलेगी लाइट : वीवीपैट में वोटर को वोट डालने के बाद एक स्लिप मिलेगा. प्रक्रिया के अनुसार, जैसे ही कोई वोटर वोट डालेगा, अगले पांच सेकेंड तक लाइट जलेगी और प्रिंटर के स्क्रीन पर उसका बैलेट स्लिप नंबर दिखेगा. प्रिंटर से उसी नंबर का स्लिप निकलेगा. इससे वोटर को विश्वास होगा कि उसने जो वोट डाला है, वह सही तरीके से मशीन में दर्ज हुआ है. गड़बड़ी की शिकायत होने पर प्रिंटर से निकली स्लिप व मशीन में डाले गये वोट का मिलान कर इसे जांचा जा सकेगा.
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश : वीवीपैट की व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर की गयी है. मौजूदा ईवीएम पर कई तरह के आरोप लगे थे. अक्तूबर 2010 में चुनाव आयोग के साथ हुए सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने आयोग से कहा था कि वह ऐसी तकनीक का इस्तेमाल करे, जिसमें वोटरों को स्लिप दिया जा सके. आयोग ने आइआइटी मुंबई के पूर्व डायरेक्टर पीवी इंदरसन के नेतृत्व में एक कमेटी बनायी, जिसे एेसा सिस्टम तैयार करने का जिम्मा दिया. कमेटी ने प्रिंटर युक्त ईवीएम का प्रस्ताव दिया, जिसे आयोग ने स्वीकार कर लिया. सुप्रीम कोर्ट ने जब आयोग से इस दिशा में पहल करने को कहा, तो इसमें तेजी आयी.