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कल तक जहां था बालू का खान, वह बन गया है मैदान
जगदीशपुर : प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत चांदन एवं उसकी सहायक नदियों में निरंतर बालू उठाव के कारण नदियों से बालू लगभग खत्म हो चुका है. कल तक जो सैदपुर घाट उच्च क्वालिटी के बालू के लिए जाना जाता था, अब वहां नाममात्र का ही बालू बचा है और वह भी निमA स्तर का. जिस स्थान पर […]
जगदीशपुर : प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत चांदन एवं उसकी सहायक नदियों में निरंतर बालू उठाव के कारण नदियों से बालू लगभग खत्म हो चुका है. कल तक जो सैदपुर घाट उच्च क्वालिटी के बालू के लिए जाना जाता था, अब वहां नाममात्र का ही बालू बचा है और वह भी निमA स्तर का.
जिस स्थान पर नदियों में लबालब बालू भरा था, वहां अब केवल हरी घास ही नजर आती है. कुल मिलाकर पिछले 10 वर्षो में बालू के वैध अवैध खनन ने चांदन व उसकी सहायक नदियों की तसवीर बदल दी है. नौबत यह है के आने वाले दिनों में लोग घर बनाने के लिए भी बालू के लिए तरस जायेंगे. लोगों के समक्ष अब तो पेयजल व सिंचाई की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है. बालू खत्म होने से अब जगदीशपुर के बजाय सीमावर्ती क्षेत्र रजाैन, सजाैर व गोराडीह में बालू माफिया सक्रिय हो गये हैं.
जगदीशपुर से सटे रजाैन के सिंहनान, रामपुर, शाहकुड प्रखंड के अंधरी में बड़े पैमाने पर बालू के अवैध खनन हो रहा है. इधर गुरुवार की रात सजाैर में खनन अधिकारी पर जानलेवा हमला के बाद बालू माफियाओं में हड़कंप है. छापेमारी के भय से सड़कों पर अवैध बालू लदा एक भी ट्रैक्टर नजर नहीं आ रहा था. यहां तक कि जगदीशपुर मार्ग पर जिन स्थानों पर थोड़ी बहुत डंपिंग हो रही थी, वहां भी डंपिंग बंद है. थानाध्यक्ष रणधीर कुमार सिंह ने बताया कि क्षेत्र में बालू का उठाव बंद है.
नहीं रुक रही बालू डंपिंग
सन्हौला. प्रखंड में बालू घाटों पर अवैध खनन और डंपिंग धड़ल्ले से जारी है. स्थानीय पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से बालू माफियाओं के हौसले बुलंद हैं. क्षेत्र की कई जगहों पर दिन में भी बालू डंप किया जाता है.
रात में ट्रक व ट्रैक्टर लोड होते हैं. क्षेत्र में गेरूआ नदी से अमडंडा थाना क्षेत्र स्थित मसकित्ता, मखना, रब्बीडीह, जगन्नाथपुर, बथानी, पोठिया, महियामा, बैसा आदि घाटों से रात में बालू का उठाव हो रहा है. महियामा आम बगीचा में दर्जनों ट्रक बालू डंप कर रखा गया है. यहां घाट से बालू लाकर दिन में डंप कर दिया जाता है.
रात के अंधेरे में यहां ट्रक व ट्रैक्टर पर बालू लोड कर सन्हौला, घोघा मुख्य मार्ग होते हुए नवगछिया, खगड़िया, बेगूसराय, कटिहार जैसे कई जिले के लिए रवाना होते हैं. यह सब देख कर भी पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना है. इस संबंध में अंचलाधिकारी उदय शंकर ने बताया कि क्षेत्र में बालू का उठाव बंद है. बालू उठाव किये जाने की जानकारी उन्हें नहीं है.
नदियों की बंदोबस्ती का नहीं हो सका है रास्ता साफ
भागलपुर : नदियों की बंदोबस्ती का रास्ता अबतक साफ नहीं हो सका है. बंदोबस्ती पांच साल के लिए होनी है और इसके लिए सुरक्षित राशि करीब 3.81 करोड़ के प्रस्ताव की फाइल भागलपुर में ही घूम रही है. खनन एवं भूतत्व विभाग से एक सप्ताह पहले सुरक्षित राशि की फाइल डीएम कार्यालय भेजी गयी, लेकिन उस पर अनुशंसा नहीं हो सकी है. इस पर डीएम ने जांच के लिए एडीएम को लिखा है.
अब एडीएम नदियों के बालू की स्थिति की जांच करेंगे. इसके बाद ही सुरक्षित राशि की फाइल अनुमोदन के लिए विभाग जा सकेगी और इस पर अंतिम मुहर लगने के बाद बंदोबस्ती की प्रक्रिया अपनायी जा सकेगी. बता दें कि करीब छह माह से बंदोबस्ती की कार्रवाई पूरी नहीं हो सकी है. नतीजतन, नदियों से अवैध बालू का उठाव जारी है. स्थानीय पुलिस भी बालू कारोबारियों पर रोक नहीं लगा पा रही है.
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