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स्वाइन फ्लू: दवा नहीं, जांच पटना के भरोसे

भागलपुर: पूर्वी बिहार समेत आसपास के जिलों में स्वाइन फ्लू का खौफ लोगों के बीच है. पटना में पांच स्वाइन फ्लू के मरीजों की पहचान के बाद एहतियातन हर जिलों में इसके लिए अलग से वार्ड तो बना दिया गया है पर जांच की कोई व्यवस्था नहीं है. जांच की सुविधा बिहार में पटना के […]

भागलपुर: पूर्वी बिहार समेत आसपास के जिलों में स्वाइन फ्लू का खौफ लोगों के बीच है. पटना में पांच स्वाइन फ्लू के मरीजों की पहचान के बाद एहतियातन हर जिलों में इसके लिए अलग से वार्ड तो बना दिया गया है पर जांच की कोई व्यवस्था नहीं है. जांच की सुविधा बिहार में पटना के राम मनोहर रिसर्च इंस्टीच्यूट में ही उपलब्ध है.

बाकी जिलों में अगर इस बीमारी से कोई ग्रसित मरीज आ भी जाता है तो उसकी पहचान तुरंत नहीं हो सकती है. ऐसे में उस रोगी का इलाज करना मुश्किल होगा. अब तक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दवा भी उपलब्ध नहीं है. गुरुवार को जेएलएनएमसीएच के एक कर्मचारी मृत्युंजय कुमार को स्पेशल वैन से टैमी फ्लू दवा लाने के लिए पटना भेजा गया है. पटना स्थित मेडिकल कॉरपोरेशन में दिल्ली से दवा उपलब्ध करायी गयी है. इधर सदर अस्पताल से भी एक कर्मचारी को दवा लाने के लिए बुधवार को ही पटना भेजा गया है. पर अब तक वह कर्मचारी वापस नहीं लौटा है.

सर्दी-जुकाम कम नहीं हो तो करायें जांच
वरीय फिजिशियन डॉ हेम शंकर शर्मा ने बताया कि 48 से 72 घंटे के अंदर अगर किसी भी तरह के वायरल फ्लू का असर दवा खाने के बाद भी कम नहीं हो तो बेहतर पैथोलॉजी में जांच कराना चाहिए. खास कर स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी में गंभीरता से इलाज कराना चाहिए. मरीज का ब्लड सैंपल चार डिग्री तापमान में स्लाइन ब्रौथ में ही ले जाना चाहिए. यह भी ध्यान रखना चाहिए सैंपल को 12 घंटे के अंदर लैब में पहुंचा देना है. चूंकि इसके बाद वह सैंपल खराब हो जाता है. पटना में आठ घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट तैयार हो जाता है. इसके पूर्व पुणो, दिल्ली, लखनऊ व कोलकाता में जांच की जाती थी पर डेढ़ वर्षो से पटना में भी वायरस कल्चर की जांच की सुविधा हो गयी है.
जेएलएनएमसीएच में पीपीइ किट तैयार
चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए जेएलएनएमसीएच में (पीपीइ किट) पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट किट उपलब्ध करा दिया गया है. अधीक्षक डॉ आरसी मंडल ने बताया कि एन 95 मास्क व किट तैयार है. टैमी फ्लू दवा के लिए पटना स्टाफ को भेजा गया है. कॉरपोरेशन में दिल्ली से दवा उपलब्ध करा दी गयी है. लक्षण के आधार पर मरीजों को दवा दी जा सकती है. चूंकि त्योहारों के मौसम में बाहर से आने वाले लोगों को अगर तीन दिनों तक सर्दी-जुकाम व तेज बुखार दवा खाने से भी कम नहीं हो तो जांच करानी चाहिए. इससे बचाव के लिए कॉमन सजिर्कल मास्क भी तीन लेयर बना कर लगाया जा सकता है.

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